ध्येय पथिक
चर्चा में आया कि पथिक मतलब राहगीर और ध्येय मतलब जिसका ध्येय भी हो। मतलब हम कोई भी काम करे और वो लक्ष्य सहित हो तो उसे ध्येय पथिक कहते है।
जैसे कुछ व्यक्ति है काम मिल गया पर उसकी कोई योजना नही बनाई पर जिम्मेदारी ले ली कि काम कर भी रहा है। जैसे आप खरगोश को कभी देखेंगे वो बहुत तेज़ी से आगे भागेगा पीछे भागेगा पर आपको वो हरकत करता भी नज़र आएगा लेकिन उसको कहा पहुँचना है ये आप जान नही पाएंगे। पर आप कछुए को देखेंगे कि वो आराम आराम से चल रहा है ऐसे ही आप चींटी को भी देखेंगे वो भी समान उठा लक्ष्य लेकर चलती दिखेगी। ऐसे ही शेर भी अपनी मांद से लक्ष्य लेकर निकलता दिखता है।
कहने का भाव है कि हमारे मन मे क्या आया उसको मूर्त रूप देकर योजनाबद्ध तरीके से सफलता प्राप्त करना ध्येय पथिक कहलाता है। जैसे आपको उठ कर योग में आना है तो रात को कैसी तैयारी बताती है कि आप गंभीर भी है। नही तो नींद खुल गई तो चले जायेंगे तो ये खरगोश वाली बात हो गई। जैसे आप अपने कार्यालय पहुचने के लिये सभी योजनाएं बनाते है कि दस बजे पहुँचना तब भी सारी समस्याएं आपके सामने खड़ी रहती है। आप उन सब पर पार पाकर पहुँच ही जाते है। पर और कोई सामाजिक कार्य, संगठन कार्य मे भी आप उसी मानसिकता से योजनापूर्वक सभी समस्याओं पर काबू पाते हुये परिणाम लाओगे तो ध्येय पथिक की श्रेणी में पाओगे।
मनोज शर्मा "मन"
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