देश को अगला दलित प्रधानमंत्री के रूप में क्या कांग्रेस कर सकती है मल्लिका अर्जुन खडगे के नाम का ऐलान?
वरिष्ठ पत्रकार मुस्तकीम मंसूरी की कलम से| लखनऊ, वर्तमान परिदृश्य में देश की राजनीति में विपक्ष की भूमिका लगभग समाप्त होती नजर आ रही थी| सड़क से लेकर संसद तक समूचा विपक्ष शून्य नज़र आ रहा था| प्रचंड बहुमत के नशे में मदहोश सत्ता पक्ष के लोग संविधान और लोकतंत्र की अस्मत से खिलवाड़ करते हुए मनमाने फैसले ले रहे थे, ऐसे में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला मीडिया तंत्र भी सरकार के सुर में सुर मिला कर विपक्ष की आवाज को जनता तक पहुंचाने के बजाय उसे दबाने का काम कर रहा था| ऐसी विषम परिस्थितियों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा करके सीधे जनता से संवाद करने का जो निर्णय लिया| उसने जहां विपक्षी दलों को ऊर्जा पहुंचाने का काम किया| वही कश्मीर से कन्याकुमारी तक राहुल गांधी के जनता से सीधे संवाद से जहां भाजपा परेशान थी| वही हर जगह एक जनसैलाब राहुल गांधी के साथ राहुल गांधी की पैदल यात्रा में उमड़ रहा था| भाजपा के लिए सबसे परेशान करने वाली बात भाजपा शासित राज्यों में राहुल गांधी को मिलने वाला समर्थन भाजपा और उसके र...