चंडीगढ़:
- 25 वर्ष पुराने सुखपाल सिंह के फर्जी एनकाऊंटर के मामले की जांच कर रही डी.जी.पी. सिद्धार्थ चटोपाध्याय की अध्यक्षता में गठित एस.आई.टी. को आखिरकार पंजाब सरकार ने ऑफिस और स्टाफ दे दिया है। यह जानकारी मंगलवार को पंजाब सरकार की ओर से हाईकोर्ट को दे दी गई। पंजाब सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि एस.आई.टी. के मुखिया डी.जी.पी. सिद्धार्थ चटोपाध्याय को उनके ऑफिस के लिए सैक्टर-9 मिनी सैक्रेटरीएट में 710 नंबर कमरा दे दिया गया है, इनके पास पहले ही 54 कर्मियों का स्टाफ मौजूद है। अगर उन्हें और स्टाफ की जरूरत होगी तो उन्हें दे दिया जाएगा।इस पर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताते हुए डी.जी.पी. चटोपाध्याय से पूछा कि अब वह कब इस मामले की जांच शुरू कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि वह आज से ही मामले की जांच शुरू कर सकते हैं। उन्हें केस की फाइल और अन्य दस्तावेज सौंप दिए जाएं। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को तत्काल केस फाइल और अन्य सभी दस्तावेज सौंपे जाने के आदेश दिए जाने के साथ ही जांच शुरू कर 3 महीनों में इसकी स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपे जाने के आदेश दे दिए हैं।गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ही इस फर्जी एनकाऊंटर की जांच के लिए डी.जी.पी. चटोपाध्याय की अध्यक्षता में एस.आई.टी. गठित की थी। चटोपाध्याय ने 30 अक्तूबर को हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर बताया था कि उन्हें मिनी सैक्रेटरीएट में एक छोटा सा कमरा दिया गया है, न पर्याप्त स्टाफ और न ही केस डायरी ही उन्हें सौंपी गई है। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए उन्हें डी.जी.पी. स्तर के अधिकारी के समान ऑफिस और अन्य स्टाफ दिए जाने के आदेश दे दिए थे।