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5000 जवानों को पूर्वोत्तर में भेजा गया


नई दिल्ली : केंद्र ने बुधवार को असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में अर्द्धसैनिक बल के 5000 जवानों को विमान से भेजा. अधिकारियों ने बताया कि संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के खिलाफ वहां हो रहे विरोध-प्रदर्शन के सिलसिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवानों को वहां भेजा गया है.


कश्मीर से करीब 20 कंपनियों (2000 जवानों) को वापस बुलाया गया है जहां उन्हें 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के निर्णय से पहले भेजा गया था.
अधिकारियों ने कहा कि शेष 30 कंपनियों को अन्य स्थानों से पूर्वोत्तर राज्यों में भेजा गया है.


इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान शामिल हैं.


 

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की और कई की समय-सारिणी बदली


नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बुधवार को कई ट्रेनें रद्द कर दी और राज्य से चलने वाली कई ट्रेनों की समय-सारिणी बदल दी.


पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा ने एक बयान में कहा कि कम से कम 14 ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है या फिर 'ट्रेन परिचालन' में बाधा को देखते हुए उनके रास्ते बदल दिए गए हैं.


बयान में बताया गया है कि इनमें से आठ ट्रेनों को तो 'पूरी तरह' से रद्द कर दिया गया है जबकि अन्य को गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया.


अवध असम एक्सप्रेस को न्यू तिनसुकिया से चलाने का निर्णय लिया गया है. यह डिब्रूगढ़ और न्यू तिनसुकिया के बीच रद्द रहेगी.


वहीं लीडो गुवाहाटी इंटरसिटी एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़ फरकाटिंग गुवाहाटी इंटरसिटी एक्सप्रेस, नाहरलागुन तिनसुकिया इंटरसिटी एक्सप्रेस, डेकारगांव डिब्रूगढ़ इंटरसिटी एक्सप्रेस पूरी तरह से रद्द है.


 

नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में राज्य में सुबह से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है।



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