Skip to main content

भारतीय अर्थव्यवस्था निम्न स्तर की ओर




नरेंद्र मोदी : इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस दशक में देश में जिस एक शख्स का दबदबा रहा, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने न केवल भारतीय राजनीति पर बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी अपनी छाप छोड़ी। हालांकि 2013-14 में उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' की बात कही थी। लेकिन अपने पहले कार्यकाल में मोदी कई मायनों में बाजार में सुधार की मुहिम से पीछे हट गए। राहुल गांधी ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि वह सूट बूट की सरकार चला रहे हैं। निजीकरण के प्रयास सही मायने में कभी भी आगे नहीं बढ़ पाए और व्यापार उदारीकरण की मुहिम भी आगे बढऩे के बजाय पीछे चली गई क्योंकि भारत ने टैरिफ की दीवारों खड़ी कर दीं। मोदी की राजनीतिक पूंजी, उनका निर्विवाद नेतृत्व और बड़े फैसले लेने की उनकी मंशा के कारण पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के लिए कुछ बड़े कदम उठाए गए। इनमें दिवालिया कानून और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शामिल हैं। उन्होंने नोटबंदी जैसे कुछ नुकसानदायक फैसले भी लिए। मोदी सरकार के शुरुआती वर्षों में अर्थव्यवस्था को लेकर जो उम्मीद जगी थी, अब वह क्षीण होने लगी है और भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के साथ 2020 के दशक में प्रवेश कर रही है। 




 


प्रणव मुखर्जी: जब भारत ने 2010 के दशक में प्रवेश किया था तो भारतीय अर्थव्यवस्था की कमान प्रणव मुखर्जी के हाथों में थी। उन्होंने ही भारत को वित्तीय संकट से उबारा था। वित्त मंत्री के तौर पर यह उनका तीसरा कार्यकाल था और इस दौरान उन्हें भारी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। इसके कई कारण थे। माना जाता है कि राजकोषीय प्रोत्साहन को पर्याप्त तेजी से वापस नहीं लिया गया जिससे उत्पादक क्षमता बढ़ती मांग के साथ तालमेल नहीं बैठा पाई और राजकोषीय मोर्चे पर स्थिति खराब हो गई। दूसरी वजह यह थी कि उस दौरान वित्त मंत्रालय ने कई कदम उठाए जिनसे निवेशक खासकर विदेशी निवेशक अलग-थलग पड़ गए। इनमें आम बजट में पिछली तारीख से कर में बदलाव सबसे अहम है। वोडाफोन के उच्चतम न्यायालय में मामला जीतने के बाद ऐसा किया गया। 


 




कई बार ऐसे मौके आए जब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री या पार्टी अध्यक्ष से भी सलाह लेना मुनासिब नहीं समझा। पिछली तारीख से कर में संशोधन इनमें से एक था। यही वजह है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती और नीतिगत पंगुता के दौर को याद करें तो मुखर्जी का चेहरा बरबस याद आता है। जब वह राष्ट्रपति बने तो कई लोगों ने राहत की सांस ली। 


 


रघुराम राजन: अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रघुराम राजन के बारे में मशहूर है कि उन्होंने पहले ही आर्थिक संकट की चेतावनी दे दी थी। उन्हें 2012 में मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। अगले ही वर्ष उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाकर मुंबई भेज दिया गया। अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में ही उन्होंने अपनी बेबाकी से सुर्खियां बटोरी। उस समय देश में आर्थिक मोर्चे पर निराशा का भाव था और ऐसे में वह मौद्रिक मोर्चे पर नई सोच और विशेषज्ञता का वादा कर रहे थे। उनके कार्यकाल में भारत ने केंद्रीय बैंक में मुद्रास्फीति के लक्ष्य के क्रियान्वयन के लिए अहम कदम उठाया। इससे पहले के वर्षों में महंगाई चरम पर थी। इस दशक के उत्तराद्र्घ में महंगाई ऐतिहासिक मानकों के हिसाब से लगातार कम रही। भारतीय अर्थव्यवस्था अभी तक ढांचागत बदलाव के अनुरूप नहीं ढली है और वह कंपनियों की कमाई की उम्मीदों और ग्रामीण आय जैसे कारकों से प्रभावित होती है। लेकिन राजन के कार्यकाल में देश को यह अहसास भी हुआ कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र फंसे कर्ज की भारी समस्या से जूझ रहा है। यह समस्या वित्तीय संकट के वर्षों से चली आ रही थी जिससे बैंकों की ऋण देने की क्षमता और निजी निवेश की रफ्तार सुस्त पड़ रही थी।  


 




मुकेश अंबानी: 2014 में सरकार बदलने के बाद फंसे कर्ज की समस्या भी तेज हो गई और निजी निवेश पीछे छूटता चला गया। फिर भी कुछ बड़े औद्योगिक समूह खासकर अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने निवेश जारी रखा। इसकी वजह यह थी कि उसे पेट्रोकेमिकल कारोबार से लगातार भारी मुनाफा हो रहा था। 2000 के दशक में मुकेश अंबानी की महत्त्वाकांक्षाएं भाई अनिल के साथ चल रहे विवादों के कारण परवान नहीं चढ़ पाईं लेकिन 2010 के दशक में उन्होंने इस दौड़ में निर्णायक बढ़त बना ली।


 


जियो ने आधिकारिक शुरुआत से पहले ही अपना कारोबार काफी फैला लिया था। इसके साथ ही रिलांयस ने यह संकेत भी दे दिया कि वह पेट्रोकेमिकल की पुरानी दुनिया से निकलकर दूरसंचार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के नए दौर में जाना चाहती है। रिलायंस ने समाजवाद के दौर में शुरुआत की और फिर उदारीकरण के बाद सस्ते संसाधनों के जमाने में अपना कारोबार फैलाया। 2010 के दशक में उसने जियो पर बड़ा दांव लगाकर देश में नई आर्थिक क्रांति का संकेत दे दिया।  


 




विजय शेखर शर्मा: नई अर्थव्यवस्था के नए भारत में नए उद्यमी भी आए। 2010 के दशक में शर्मा से बेहतर दूसरा प्रतिनिधि नहीं हो सकता है। वह वॉलेट कंपनी पेटीएम के सर्वेसर्वा हैं। मोदी सरकार ने जब नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी तो उस समय लगा कि केवल शर्मा ही इसके लिए तैयार बैठे थे। नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में हुई भारी बढ़ोतरी से पेटीएम को काफी फायदा हुआ। 


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले शर्मा पेशे से इंजीनियर हैं और वह पिछली पीढिय़ों के उद्यमियों से एकदम अलग हैं। नोटबंदी के बाद पेटीएम की वर्षांत पार्टी में उन्होंने जिस अंदाज में अपने साथियों की हौसला अफजाई की, उसका वीडियो वायरल हो गया था। हालांकि पेटीएम अब भी नुकसान में चल रही है। पिछले वित्त वर्ष में उसे 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था लेकिन उसे अब भी अरबों डॉलर का फंड मिल रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि निवेशकों का भरोसा अब भी शर्मा पर बना हुआ है। 


 



इनमें से कम से कम तीन हस्तियां अगले दशक में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में केंद्रीय भूमिका में होंगी। क्या अंबानी जियो को देश में दूरसंचार का स्वाभाविक विकल्प बनाने में सफल होंगे और डिजिटल कनेक्टिविटी के विकास से भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्यमिता को क्या फायदा होगा? क्या शर्मा जैसे युवा उद्यमी आगे भी वैश्विक निवेशकों का भरोसा कायम रख पाएंगे और क्या डिजिटल इंडिया पर उनका दांव सफल रहेगा? सबसे अहम सवाल यह है कि मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर कैसे निकालेंगे जिसकी सुस्ती की मुख्य वजह घरेलू कारक हैं? इसका उत्तर अगले दशक में छिपा है।


Popular posts from this blog

थाना अमरिया पुलिस द्वारा 04 अभियुक्तों को 68 किलोग्राम डोडा पोस्ता व डोडा चूरा सहित किया गिरफ्तार

 पीलीभीत के थाना अमरिया में आज दिनांक 05.09.2022 को थाना अमरिया जनपद पीलीभीत पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु जनपद पीलीभीत के निर्देशन में व  अपर पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद पीलीभीत व क्षेत्राधिकारी सदर महोदय जनपद पीलीभीत के कुशल नेतृत्व में अपराधियों के विरुद्ध जनपद में मादक पदार्थ व जहरीली शराब की तस्करी व रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत  थाना अमरिया पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तगणों 1.महेश कुमार गुप्ता पुत्र ओमप्रकाश निवासी कस्बा व थाना अमरिया जनपद पीलीभीत व  2.रवि गुप्ता पुत्र महेश गुप्ता निवासी कस्बा व थाना अमरिया जनपद पीलीभीत को उनके घर के पास से गिरफ्तार किया गया तथा इनके कब्जे से मादक पदार्थ 31 किलोग्राम ( डोडा पोस्ता व डोडा चूरा ) बरामद हुआ गिरफ्तार किए गये अभियुक्तगणों से गहनता से पूछताछ के दौरान उन्होनों बरामद मादक पदार्थों को  अभियुक्त प्रमोद गुप्ता पुत्र मटरु लाल निवासी ग्राम देवचरा थाना भमौरा जनपद बरेली व अभियुक्त विनोद कुमार गुप्ता पुत्र मटरु लाल निवासी ग्राम देवचरा थाना भमौरा जनपद बरेली से खरीद कर लाना बताया इस पूछताछ के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त प्रमोद

*बहुजन मुक्ति पार्टी की राष्ट्रीय स्तर जनरल बॉडी बैठक मे बड़े स्तर पर फेरबदल प्रवेंद्र प्रताप राष्ट्रीय महासचिव आदि को 6 साल के लिए निष्कासित*

*(31 प्रदेश स्तरीय कमेटी भंग नये सिरे से 3 महिने मे होगा गठन)* नई दिल्ली:-बहुजन मुक्ति पार्टी राष्ट्रीय जनरल बॉडी की मीटिंग गड़वाल भवन पंचकुइया रोड़ नई दिल्ली में संपन्न हुई।  बहुजन मुक्ति पार्टी मीटिंग की अध्यक्षता  मा०वी०एल० मातंग साहब राष्ट्रीय अध्यक्ष बहुजन मुक्ति  पार्टी ने की और संचालन राष्ट्रीय महासचिव माननीय बालासाहेब पाटिल ने किया।  बहुजन मुक्ति पार्टी की जनरल ढांचे की बुलाई मीटिंग में पुरानी बॉडी में फेर बदल किया गया। मा वी एल मातंग ने स्वयं एलान किया की खुद स्वेच्छा से बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं राजनीती से सन्यास और राष्ट्रीय स्तर पर बामसेफ प्रचारक का कार्य करते रहेंगे। राष्ट्रीय स्तर की जर्नल बॉडी की बैठक मे सर्व सम्मत्ती से राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष जे एस कश्यप को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चुना गया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के लिए मा वैकटेस लांमबाड़ा, मा हिरजीभाई सम्राट, डी राम देसाई, राष्ट्रीय महासचिव के पद पर मा बालासाहब मिसाल पाटिल, मा डॉ एस अकमल, माननीय एडवोकेट आयुष्मति सुमिता पाटिल, माननीय एडवोकेट नरेश कुमार,

*पिछड़ों अति पिछड़ों शूद्रों अछूतों तथाकथित जाति धर्म से आजादी की चाबी बाबा साहब का भारतीय संविधान-गादरे*

(हिन्दू-मुस्लिम के षड्यंत्रकारियो के जाल और कैद खाने से sc obc st minorities जंग लडो बेईमानो से मूल निवासी हो बाबा फुले और  भीमराव अम्बेडकर के सपनो को साकार करें--गादरे)* मेरठ:--बाबा ज्योति बा फुले और बाबा भीमराव अंबेडकर भारत रत्न ही नहीं विश्व रतन की जयंती पर हमें शपथ लेनी होगी की हिन्दू-मुस्लिम के षड्यंत्रकारियो के जाल और कैद खाने से sc obc st minorities जंग लडो बेईमानो से मूल निवासी हो बाबा फुले और भीमराव अम्बेडकर के सपनो को साकार करें। बहुजन मुक्ति पार्टी के आर डी गादरे ने महात्मा ज्योतिबा फुले और भारत रत्न डॉक्टर बाबा भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर समस्त मूल निवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए आह्वान किया कि आज हम कुछ विदेशी षड्यंत्र कार्यों यहूदियों पूंजीपतियों अवसर वादियों फासीवादी लोगों के चंगुल से निकलने के लिए एक आजादी की लडाई लरनी होगी। आज भी आजाद होते हुए फंसे हुए हैं। डॉक्टर बाबा भीमराव अंबेडकर के लोकतंत्र और भारतीय संविधान को अपने हाथों से दुश्मन के चंगुल में परिस्थितियों को समझें। sc obc st MINORITIES खुद सर्वनाश करने पर लगे हुए हैं और आने वाली नस्लों को गु