2011 की जनगणना के मुताबिक़, ब्रिटेन की कुल आबादी क़रीब छह करोड़ है. इस आबादी में क़रीब 2.5 फ़ीसदी भारतीय हैं.
इस वजह से चुनावों में राजनीतिक पार्टियां ऐसे प्रचार कर रही हैं, जिससे ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों को लुभाया जा सके. इसी का ताज़ा उदाहरण है, कंज़र्वेटिव पार्टी के भारतीय उम्मीदवार और पूर्व सांसद शैलेस वारा का ट्वीट किया वीडियो.
इस वीडियो में हिंदी गीत सुनाई देता है.
गीत के बोल कुछ यूं हैं:
''जागो...जागो...जागो
चुनाव फिर से आया है बोरिस को हमें जिताना है
इस देश को आज बचाना है
कुछ करके हमें दिखाना है...''
हालांकि इस वीडियो को बोरिस जॉनसन या कंज़र्वेटिव पार्टी के ऑफिशियल हैंडल से आधिकारिक तौर पर शेयर नहीं किया गया है. लेकिन यह साफ़ नहीं है कि वीडियो किसने बनाया है.
शंभु घटक ने लिखा, ''बोरिस जॉनसन का प्रचार गीत किसी लोकल स्टूडियो में बनाया गया है ताकि स्थानीय कलाकारों के लिए नौकरियां पैदा की जा सकें.''
प्रफुल्ल केतकत ने ट्वीट किया, ''बोरिस जॉनसन का ये हिंदी वीडियो ग़ज़ब क्रिएटिव है. ये एक बार फिर बताता है कि भारतीय जहां कहीं भी रहें वो चुनावों को ख़ूब पसंद करते हैं.''
फारूक़ यूसुफ़ ने लिखा- बोरिस जॉनसन का हिंदी अभियान काफ़ी मज़ाकिया है, ख़ासतौर पर बोरिस का हिंदी उच्चारण.
बोरिस जॉनसन की पत्नी मरीना व्हीलर हैं जिनके पिता अंग्रेज़ हैं और माँ दीप सिंह, जो भारतीय मूल की सिख महिला हैं। :साभारब्रिटेन के चुनावों में लंबे समय से लेबर पार्टी का वर्चस्व रहा है और भारतीय मूल के मतदाता भी परंपरागत रूप से अधिकांशत: लेबर पार्टी के समर्थक रहे हैं।
लेकिन लेबर पार्टी द्वारा भारत की संसद द्वारा अनुच्छेद 370 पर लिए गए आंतरिक निर्णय पर ब्रिटेन की लेबर पार्टी द्वारा विरोध करने से वहां का भारतीय समुदाय लेबर पार्टी से बुरी तरह खफा था।
इसके विपरीत कंजरवेटिव पार्टी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला होने के कारण इस पर कुछ भी नहीं कहा। यही नहीं कंजरवेटिव पार्टी और उसके नेता बोरिस जॉनसन ने चुनाव प्रचार में न केवल भारत की भाषा हिंदी का प्रयोग किया बल्कि भारतीय धर्म और संस्कृति को सम्मान देते हुए वहां के धर्म स्थलों आदि पर भी गए। भारत, भारतीयता और भारतीय भाषा की जीत।
इस प्रकार उन्होंने भारत भारतीयता, भारतीय जनता की भावनाओं को और भारत की भाषा को सम्मान दिया बदले में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने कंजरवेटिव पार्टी को वोटों से मालामाल कर दिया और कंजरवेटिव पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई।
मुझे लगता है कि ब्रिटेन के चुनावों से सबक लेते हुए भारत के राजनीतिक दलों को भी भारत की भाषाओं को सम्मान देना चाहिए। सााकार: Dr ml Gupta