तेहरान. ईरान के दूरसंचार मंत्री ने रविवार को घोषणा की कि देश ने एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार किये गए साइबर हमले को नाकाम किया है। उन्होंने कहा कि इस दूसरे हमले का लक्ष्य सरकार की खुफिया जानकारियों में सेंध लगाना था। दूर संचार मंत्री मोहम्मद जवाद अजारी जहरोमी ने ट्वीट किया कि साइबर सुरक्षा के लिए तैयार की गई एक ढाल ने कथित हमले की पहचान कर उसे नाकाम कर दिया है । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जासूसी करने वाले सर्वरों की पहचान के साथ ही हैकरों का भी पता लगा लिया गया है। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।
जहरोमी ने बुधवार को आधिकारिक आईआरएनए संवाद समिति को बताया था कि ईरान के इलेक्ट्रॉनिक ढांचे पर एक “बड़ा” और “सरकारी” साइबर हमला किया गया है। उन्होंने इस कथित हमले के ब्यौरे नहीं दिए थे और बताया कि इस हमले को भी नाकाम कर दिया गया और इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की जाएगी। मंगलवार को, मंत्री ने ईरान के बैंकों को निशाना बना कर की गई हैकिंग की खबरों को खारिज कर दिया था। स्थानीय मीडिया ने ईरान के बैंकों के लाखों ग्राहकों के खाते हैक होने की खबर दी थी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब ईरान ने किसी साइबर हमले को नाकाम करने की बात कही है।
हालांकि स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस के हमले के बाद से उसने अपने ज्यादातर ढांचों को इंटरनेट मुक्त बना दिया था। इस वायरस के बारे में माना जाता है कि इसे अमेरिका और इजराइल ने संयुक्त रूप से तैयार किया था जिसने देश के परमाणु ठिकानों में मौजूद हजारों ईरानी अपकेंद्रण यंत्रों (सेंट्रिफ्यूग) को बर्बाद कर दिया था।