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एनपीआर के लिए 3941 को रोड रूपए मंजूर








  • केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में NPR को हरी झंडी




  • NPR को मोदी कैबिनेट की मंजूरी




  • नए वर्ष 2020 में 1 अप्रैल से शुरू होगा काम




  • इस प्रक्रिया के लिए 8500 करोड़ रुपये होंगे खर्च




  • अब नए पैमाने से होगी नागरिकों की गणना, भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के टकराव के बीच राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR) को आज अर्थात 24 दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी (NPR Approved) मिल गयी है।










8500 करोड़ के बजट को मंजूरी :


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट में NPR की इस प्रक्रिया में खर्च होने वाले बजट 8500 करोड़ रुपये के आवंटन को भी मंजूरी दे दी गई है।क्‍या है राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR) ?











सरल आम बोल-चाल की भाषा में अगर कहें तो यह NPR में प्रत्येक नागरिक की जानकारी को रखा जाएगा व हर एक नागरिक गिना जाएगा। ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। NPR के तहत कोई भी निवासी जो 6 माह या उससे भी अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रह रहा है, तो उस व्‍यक्ति का पंजीकरण अनिवार्य रूप से होगा, हालांकि इसके लिए पहले जनगणना की जाएगी, जो तीन चरणों में होगी। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाएंगे और आंकड़े जुटाएंगे।




  • NPR की पहली प्रक्रिया का चरण वर्ष 2020 में 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच शुरू होगा।




  • NPR के दूसरे चरण की शुरूआत वर्ष 2021 में 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच होगी।




  • वहीं वर्ष 2021 में ही मार्च के माह में तीसरे चरण की शुरूआत 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी।













क्या है NPR का उद्देश्य :


दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा  National Population register (NPR) को देश में लाने के पीछे मकसद यह है कि, इसके जरिए सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे, साथ ही उस व्यक्ति की पहचान की जा सके। इसके अलावा NPR का एक उद्देश्य यह भी है कि, इससे देश की सुरक्षा में सुधार के साथ देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सके







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