नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) में अपडेट के लिए धन आवंटन के प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. सूत्रों के अनुसार, इसके लिए 8500 करोड़ रुपये की राशि की मंजूरी दी गई है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एनपीआर को मंजूरी दी गई.
एनपीआर की कवायद अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होगी और 30 सितंबर 2020 तक चलेगी. इसदौरान नागरिकों का पूरा डाटाबेस तैयार करने के लिए घर-घर जाकर गणना की जाने की तैयारी की गई है. एनपीआर देश के स्वभाविक निवासियों की सूची है. जिसके तहत देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान को एकत्रित किया जाएगा. इस गणना में निवासियों की जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी को भी शामिल किया जाना है।इस संबंध में आंकड़ों को अद्यतन करने का काम 2015 में घर-घर सर्वेक्षण कराया गया था. अद्यतन किये गए आंकड़ों के डिजिटलीकरण का काम पूरा हो गया है.राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का काम जनगणना 2021 के साथ असम को छोड़कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया जायेगा . इस मामले में केंद्र सरकार एक राजपत्रित अधिसूचना पहले ही जारी कर चुकी है.