नयी दिल्ली। जामिया प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश घोषित करने के बावजूद नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ रविवार काे भी छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया जिसने हिंसक रूप ले लिया। छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें होने की रिपोर्टें आईं हैं। जामिया की लाइब्रेरी में भी तोड़फोड़ की गई है। प्रदर्शनकारियों ने तीन बसों को आग के हवाले कर दिया जबकि चार बसों में तोड़फोड़ की। घटनास्थल पर दिल्ली पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है। जामिया मेट्रो स्टेशन के आगे हजारों की भीड़ जमा है। मेट्रो सेवा रोक दी गई है। मजेंटा लाइन की सेवा कालका मंदिर से आगे नहीं जा रही है। Also Read - महिला आरक्षियों ने प्रधानमंत्री के 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'अभियान को नई ऊंचाई प्रदान की:योगी प्रदर्शनकारियों ने बटला हाउस पुलिस बूथ में आग लगा दी है। पुलिस के आंसू गैस छोड़े जाने और लाठी चार्ज के बावजूद प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी कर रहे हैं और भीड़ बढ़ रही है। हालात बेहद तनावपूर्ण है। जामिया परिसर से छात्रों की बस चीख सुनाई दे रही है। जामिया शिक्षक संघ ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है। बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा रमशा ने बताया कि वह लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रही थीं तभी पुलिस अंदर घुस आई और छात्रों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। वह अंदर से किसी तरह बचकर बाहर आई हैं। Also Read - नागरिकता कानून पर पहली बार बोले पीएम मोदी, पूरे देश में आगजनी कर रही कांग्रेस..कपड़ों से पता चलता है किसने आग लगाई उन्होंने बताया कि रीडिंग रूम की लाइट बंद कर दी थी फिर भी पुलिस ने छात्रों को निकाल-निकाल कर मारा। सैकड़ों छात्रों को लाइब्रेरी से बाहर निकाला गया है। सभी छात्र-छात्राओं को हाथ खड़े करके लाइन से कैदियों की तरह निकाला गया है। छात्रों को मीडिया से बात करने नहीं दिया गया लेकिन चलते-चलते छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनके साथ बहुत मारपीट की गई है। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। सीएए के खिलाफ जामिया नगर भी आज बंद है और हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर मार्च कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोग दो किलोमीटर लंबी मौलाना मोहम्मद अली जौहर मार्ग पर मार्च कर रहे हैं। ओखला मोड़ के पास बड़ी संख्या में लोग जमा हैं और सीएए के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। इसके अलावा कालिंदी कुंज के पास भी बड़ी संख्या में लोग जमा हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है सरकार मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए ऐसे कानून लेकर आ रही है। सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है। जामिया विश्वविद्यालय में हालांकि शीतकालीन छुट्टी की घोषणा हो गई है लेकिन आज स्थानीय लोगों के साथ छात्र भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है ! हिं