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जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वालों के बैंक खातों से दूर की संपत्तिया जप्त हो सकती है




 



  • कर अधिकारी जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वालों के बैंक खातों सहित उनकी संपत्तियां जब्त कर सकते हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से जारी मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के मुताबिक जीएसटी आयुक्त केंद्रीय जीएसटी अधिनियम की धारा 83 के मुताबिक अनंतिम रूप से संपत्ति जब्त कर सकता है। एसओपी के मुताबिक इसके साथ ही वह एक विशेष अवधि तक रिटर्न दाखिल करने का काम पूरा नहीं करने पर पंजीकरण भी रद्द कर सकता है। यह खास अवधि कितनी होगी, इस पर अभी फैसला होना बाकी है। इस धारा के तहत आयुक्त करदाता के बैंक खाते सहित उसकी कोई भी संपत्ति जब्त कर सकता है। इसके लिए उसे एक विशेष फॉर्म पर आदेश पारित करना होगा, जिसमें जब्त की जाने वाली संपत्ति का ब्योरा होगा। बहरहाल विशेषज्ञों ने कहा कि जीएसटी के पहले राज्य स्तर के मूल्यवर्धित कर के दौरान बमुश्किल ही कोई पंजीकरण रद्द किया गया।  एक साल से ज्यादा समय तक रिटर्न दाखिल न करने पर कर अधिकारी पंजीकरण निष्क्रिय कर देते थे। विशेषज्ञों का कहना है कि पंजीकरण रद्द करना कठोर फैसला है। विचलन की गतिविधियों से निपटने के लिए एसओपी जारी किया गया था, जिसका पालन जीएसटी रिटर्न का काम पूरा न होने की स्थिति में केंद्र व राज्यों के कर विभाग को करना था। इसके तरहत स्पष्टीकरण जारी किया गया था, जिससे रिटर्न दाखिल करने की स्थिति में उचित प्रक्रिया के पालन को लेकर एकरूपता आ सके। एसओपी में साफ किया गया है कि रिटर्न दाखिल करने में चूक कनरे वालों को जीएसटी-3ए के तहत नोटिस जारी होनी चाहिए, इसके लिए अलग से नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है। 






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