नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आग की तपिश जैसे-जैसे ठंडी हो रही है, वैसे-वैसे जांच और हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियां अपने काम में तेजी से जुट गई हैं। देश की खुफिया एजेंसियों की मदद से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और स्पेशल ब्रांच सबसे पहले वह कारण जानने में जुटीं थीं, जिनसे साफ हो सके कि किन लोगों ने और क्यों सबसे पहले देश की राजधानी दिल्ली के जामिया को ही हिंसा की आग में झोंका? इसका जबाब अब तक हुई पड़ताल में एजेंसियों को हासिल हो चुका है।
खुफिया और जांच एजेंसियों की शुरुआती दौर की सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, भले ही यूपी की राजधानी लखनऊ का नदवा इलाका इन हिंसा में सबसे ज्यादा बर्बाद क्यों न हुआ हो? क्यों न यूपी के पश्चिमी जिलों में सबसे ज्यादा मारकाट, फसाद हुआ हो? यूपी पुलिस ने सबसे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो कारिंदों को क्यों न सबसे पहले गिरफ्तार किया हो? इन तमाम संवेदनशील हालातों में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच इस बात का ध्यान रख रही हैं कि, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय मुख्यालय तो दिल्ली के शाहीन बाग, ओखला, जामिया, बटला हाउस इलाकों में से ही किसी न किसी में मौजूद है। जामिया विवि से इस मुख्यालय की दूरी भी कोई ज्यादा नहीं है।
जांच से जुड़ी एक एजेंसी के आला अफसर ने अपना नाम फिलहाल न खोलने की शर्त पर बुधवार को आईएएनएस से कहा, "शाहीन बाग इलाके में ही इस फसाद के बाद से अभी तक सबसे लंबा धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। आखिर क्यों? यूं ही नहीं। जरूर कोई न कोई इसके पीछे खास वजह है। इस वजह का खुलासा उचित वक्त आने पर कर दिया जाएगा। अभी कोई खुलासा करना जल्दबाजी होगी और देश के दुश्मनों को बचने का रास्ता मिल जाएगा।"
इतना ही नहीं दिल्ली के जामिया नगर कांड और उसके बाद यूपी (लखनऊ) के नदवा में मची मारकाट के बाद, जब से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम खुलकर सामने आया है, उसके तमाम विश्वासपात्रों को यूपी पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। कई को गिरफ्तार किया गया है। तब से इस फ्रंट के हजारों कर्ता-धर्ता भूमिगत हो गए हैं। इन हालिया खुफिया रिपोर्ट्स के हासिल होने के बाद से हिंदुस्तानी हुक्मरानों के भी कान खड़े हो गए हैं।
पुख्ता खुफिया रिपोर्ट्स मिलने के बाद हुकूमत अब सिर्फ उचित मौके की तलाश में है, ताकि नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में देश को हिंसा की आग में झोंकने वालों पर कानून का शिकंजा कसा जा सके। हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर पड़ताल में दिन-रात जुटी, दिल्ली पुलिस की क्राइम-ब्रांच ने भी अपने 'रडार' पर दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर, ओखला, शाहीन बाग, बाटला हाउस को ले रखा है। हालांकि इस विषय पर दिल्ली पुलिस का कोई भी आला-अफसर खुलकर बोलने को हाल-फिलहाल कतई राजी नहीं है।
खुफिया और जांच एजेंसियों की शुरुआती दौर की सामने आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, भले ही यूपी की राजधानी लखनऊ का नदवा इलाका इन हिंसा में सबसे ज्यादा बर्बाद क्यों न हुआ हो? क्यों न यूपी के पश्चिमी जिलों में सबसे ज्यादा मारकाट, फसाद हुआ हो? यूपी पुलिस ने सबसे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो कारिंदों को क्यों न सबसे पहले गिरफ्तार किया हो? इन तमाम संवेदनशील हालातों में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच इस बात का ध्यान रख रही हैं कि, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय मुख्यालय तो दिल्ली के शाहीन बाग, ओखला, जामिया, बटला हाउस इलाकों में से ही किसी न किसी में मौजूद है। जामिया विवि से इस मुख्यालय की दूरी भी कोई ज्यादा नहीं है।
जांच से जुड़ी एक एजेंसी के आला अफसर ने अपना नाम फिलहाल न खोलने की शर्त पर बुधवार को आईएएनएस से कहा, "शाहीन बाग इलाके में ही इस फसाद के बाद से अभी तक सबसे लंबा धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है। आखिर क्यों? यूं ही नहीं। जरूर कोई न कोई इसके पीछे खास वजह है। इस वजह का खुलासा उचित वक्त आने पर कर दिया जाएगा। अभी कोई खुलासा करना जल्दबाजी होगी और देश के दुश्मनों को बचने का रास्ता मिल जाएगा।"
इतना ही नहीं दिल्ली के जामिया नगर कांड और उसके बाद यूपी (लखनऊ) के नदवा में मची मारकाट के बाद, जब से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम खुलकर सामने आया है, उसके तमाम विश्वासपात्रों को यूपी पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। कई को गिरफ्तार किया गया है। तब से इस फ्रंट के हजारों कर्ता-धर्ता भूमिगत हो गए हैं। इन हालिया खुफिया रिपोर्ट्स के हासिल होने के बाद से हिंदुस्तानी हुक्मरानों के भी कान खड़े हो गए हैं।
पुख्ता खुफिया रिपोर्ट्स मिलने के बाद हुकूमत अब सिर्फ उचित मौके की तलाश में है, ताकि नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में देश को हिंसा की आग में झोंकने वालों पर कानून का शिकंजा कसा जा सके। हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर पड़ताल में दिन-रात जुटी, दिल्ली पुलिस की क्राइम-ब्रांच ने भी अपने 'रडार' पर दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर, ओखला, शाहीन बाग, बाटला हाउस को ले रखा है। हालांकि इस विषय पर दिल्ली पुलिस का कोई भी आला-अफसर खुलकर बोलने को हाल-फिलहाल कतई राजी नहीं है।