फलोदी (राजस्थान)
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वयं सेवी संस्था समस्त महाजन ने बरसात की अमृत बूंदों को सहेजने व गोचर विकास के लिए बिना किराए जेसीबी मशीन उपलब्ध करवाकर बंधाई हिम्मत। लोगों ने जन आंदोलन खड़ा कर किया अप्रत्याशित कार्य कर आशातीत सफलता प्राप्त की गई। कहीं पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया कंही हजारों बीघा गोचर जमीन को अंग्रेजी बबूल के अतिक्रमण से मुक्त किया। इस साल तैयार तालाब व अंग्रेजी बबूल से मुक्त आगोर और ओरण देखकर भगवान ने भी खूब बरसाए। मेघ- अब लबालब भरे हुए हैं सभी तालाब और हरे चारे से आच्छादित है। गोचर भूमि एवं14 ऐतिहासिक तालाबों को पुनर्जीवित किया गया.रविंद्र कुमार जैन ने यह भी बताया कि जल संरक्षण के दिशा में कुल 10 छोटे -बड़े नए तालाब बनाए गए हैं। अब तक जोधपुर पाली व बाड़मेर जिले के 32 गांव और 29 गौशाला इस परियोजना से लाभान्वित हुई है। उन्होंने बताया कि इसके लिए कुल 8255 बीघा जमीन को अंग्रेजी बबूल के अतिक्रमण से किया गया मुक्त कराया गया है। बाड़मेर जिले के नाकोडा मेवानगर,नागौर जिला कुड़छी, पाली जिला झितडा, नादाना, दुदौड, भगोड़ा, मांडा, राणावास व रडावास एवं जोधपुर जिला गज्जा, मलार, गोदडली, कुंडल ,बीठड़ी ,फलोदी आसरलाई, कनोडिया, हरियाडा, बिलाड़ा , जाखन, नेरवा, बालरवा, बापिणी, तापू, जाजीवाल भाटियान, कुमलाऊ, बारनी खुर्द , डाढ़मी ,जेलु गगाड़ी, चिरधानी व ओसियां में तालाब का निर्माण किया गया है।समस्त महाजन की इस परियोजना के तहत जहां – जहां गोचर भूमि और गौ – शाला में उपलब्ध जमीन को अंग्रेजी बबूल से मुक्त किया गया वहां बारिश के बाद या तो प्राकृतिक रूप से चारा हो गया या फिर कुछ स्थानों पर गांव वालों के द्वारा सेवन धामण व अन्य देसी घासों का बीजारोपण करके वहां घास उगाया गया । साथ ही जिन् स्थानों पर तालाबों के आगोर से अंग्रेजी बबूल को मुक्त किया गया तथा तालाबों से अतिरिक्त मिट्टी को निकाला गया वहां सभी जगह भगवान ने अच्छी बारिश करके ग्रामीणों का मनोबल बढ़ाया है।