नई दिल्ली। अरुं धती रॉय ने अपनी पुरानी स्टाईल में एक बार फिर भारतीयों से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर जनगणना में झूठ बोलें या फर्जी नाम बताएं।
नागरिकों में भय पैदा करते हुए रॉय ने कहा कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के लिए डेटाबेस तैयार करेगा। लेकिन आश्चर्य की बात यह कि उन्होंने अपील की कि मोदी सरकार को बाकी बचे चार साल नहीं दिए जाने चाहिए।
देश भर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बाद बने भ्रम का दुरुपयोग करते हुए और एक बिल्कुल झूठी बात गढ़ते हुए उन्होंने कहा, "अब एनपीआर क्या है? एनपीआर पहले भी हुआ है। एनपीआर में वे आपके घर आएंगे, वे आपसे कुछ भी पूछेंगे, वे आपका नाम और फोन नंबर पूछेंगे। यह एनआरसी के लिए डेटाबेस है।"
इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा, "लेकिन हमें उनसे अगले चार साल तक लड़ना है। पहले तो हमें उन्हें चार साल देना नहीं चाहिए, लेकिन हमारे पास कोई योजना होनी चाहिए। जब वे आपके घर आएं आपका नाम पूछें, आप उन्हें कुछ भी नाम जैसे रंगा बिल्ला, कंग-फु कुत्ता बताएं, पते के रूप में सात रेस कोर्स रोड बताएं और एक फोन नंबर तय कर लें। लेकिन हमें कई सबवर्सन की जरूरत होगी। हम लाठी और गोली के लिए पैदा नहीं हुए हैं।"
नागरिकों में भय पैदा करते हुए रॉय ने कहा कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के लिए डेटाबेस तैयार करेगा। लेकिन आश्चर्य की बात यह कि उन्होंने अपील की कि मोदी सरकार को बाकी बचे चार साल नहीं दिए जाने चाहिए।
देश भर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बाद बने भ्रम का दुरुपयोग करते हुए और एक बिल्कुल झूठी बात गढ़ते हुए उन्होंने कहा, "अब एनपीआर क्या है? एनपीआर पहले भी हुआ है। एनपीआर में वे आपके घर आएंगे, वे आपसे कुछ भी पूछेंगे, वे आपका नाम और फोन नंबर पूछेंगे। यह एनआरसी के लिए डेटाबेस है।"
इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा, "लेकिन हमें उनसे अगले चार साल तक लड़ना है। पहले तो हमें उन्हें चार साल देना नहीं चाहिए, लेकिन हमारे पास कोई योजना होनी चाहिए। जब वे आपके घर आएं आपका नाम पूछें, आप उन्हें कुछ भी नाम जैसे रंगा बिल्ला, कंग-फु कुत्ता बताएं, पते के रूप में सात रेस कोर्स रोड बताएं और एक फोन नंबर तय कर लें। लेकिन हमें कई सबवर्सन की जरूरत होगी। हम लाठी और गोली के लिए पैदा नहीं हुए हैं।"