अदूरदर्शिता की वजह से इस कानून का विरोध हो रहा है-स्वामी राजकुमार दास
-इकबाल अंसारी का कहना है जो विरोध हो रहा है वह नेताओं की चाल है नेता चाहते हैं कि देश में हिंदू मुस्लिम लड़ते रहे और वह राज करते रहे
मुस्लिम समाज द्वारा सीएए का विरोध को रोकने के लिए साधु-संतों और बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी की मुस्लिम समाज के लिए अपील हुई है। बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहां है कि देश हिंदू और मुसलमान दोनों का है जिसका ख्याल रखना चाहिए । देश का ख्याल रखा जाए और देश में रहने वालों का भी ख्याल रखा जाए। यह बात हिंसा फैलाने वाले लोगों से अपील की गई है जो न ही देश की संपत्ति का ख्याल रखते हैं और ना ही देश में रहने वाले लोगों का ख्याल रखते हैं । इकबाल अंसारी का कहना है जो विरोध हो रहा है वह नेताओं की चाल है नेता चाहते हैं कि देश में हिंदू मुस्लिम लड़ते रहे और वह राज करते रहे । मुस्लिम समाज को चाहिए कि वह CAA कानून को समझे यह क्या है इसको समझे । यदि उनको समझ में नहीं आता है तो अपने जिले के उच्च अधिकारी से इस विषय में बात करके समझे । यह कानून देश की भलाई के लिए है।
मुस्लिम समाज इस कानून से खतरे में नहीं है। यह सिर्फ अफवाह है कि मुस्लिम समाज खतरे में है। मुस्लिम समाज से अपील है कि कोई ऐसा काम नहीं करें जिससे देश का नुकसान हो । श्री रामजन्मभूमि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी मुस्लिम समाज से अपील की है। आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि यह कानून किसी के लिए भी हानिकारक नहीं है । CAA को लेकर अफवाह व भ्रम को पैदा किया जा रहा है। भारत के विरोधी लोग ही प्रदर्शन व तोड़फोड़ कर रहे हैं। समझदार लोग CAA कानून का समर्थन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास को लेकर काम कर रहे हैं। मुस्लिम समाज से अपील है कि वह धोखे व बहकावे में नहीं आएं । संविधान के अनुसार ही देश चल रहा है । यह देश हिंदू राष्ट्र बनने नहीं जा रहा है । देश में संविधान और कानून का राज है और रहेगा । मुस्लिम समाज देश में रहकर सहयोगी बने रहेंगे। मुस्लिम समाज किसी भी बहकावे में नहीं आए और ना ही देश का नुकसान करें । अयोध्या की पहली महिला महंत डॉ ममता शास्त्री ने भी मुस्लिम समाज से CAA का विरोध नहीं करने की अपील की है । देश को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है । पहली महिला महंत डॉ ममता शास्त्री का कहना है कि मुस्लिम समाज सीएए का अर्थ समझने की कोशिश करें । राजनीतिक चाटुकार लोगों के बहकावे में आकर राष्ट्र का नुकसान नहीं करें। भारत में रहने वाले मुस्लिमों के लिए यह कानून नहीं है। यह कानून उन अल्पसंख्यक हिंदू समाज के लिए हैं जो पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में पीड़ित हैं शोषित हैं। इससे देश को मुस्लिमों को कोई भी नुकसान नहीं होगा। इस कानून के बारे में मुस्लिम समाज को समझना चाहिए और देश में शांति बनाए रखना चाहिए । अयोध्या क़े प्रसिद्ध वैष्णव पीठ श्री रामवल्लभा कुंज के अधिकारी व दैनिक सरयू आरती क़े संरक्षक स्वामी राजकुमार दास ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वह देश में शांति व अमन बनाए रखें। स्वामी राजकुमार दास ने आरोप लगाया है कि देश की कुछ राजनीतिक दल जिसमें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी है उनकी अदूरदर्शिता है। जिसकी वजह से इस कानून का विरोध हो रहा है । भारत एक ऐसा देश है जो सबकी कल्याण की बात करता है। राजनीतिक पार्टियां अपनी संकीर्ण लाभ के लिए विरोध कर रहे हैं। देश में अराजकता पूर्ण विरोध सही नहीं है। जब देश की सीमाएं सुरक्षित होंगी देश सुरक्षित होगा तब धार्मिक कार्यक्रम भी हो पाएंगे मंदिर और मस्जिद भी तभी सुरक्षित होगा। इस कानून का साजिशन विरोध किया जा रहा है। जो यह देश व अपने साथ न्यायोचित नहीं है । हिंसा करके अस्तित्व नहीं बनाया जा सकता है। देश में शांति और अहिंसा की पूजा होती है । इस कानून से मुस्लिम समाज को कोई भी नुकसान नहीं हो रहा है । यह कानून पीड़ित लोगों के लिए है उन पीड़ित लोगों के लिए बने कानून का विरोध करना अपने ही लोगों का विरोध है। हमको चाहिए उन सभी लोगों को गले लगा ले। इस तरीके से अयोध्या ने पूरे देश में शांति और सौहार्द व भाईचारे की अपील की है।