नई दिल्ली: लगभग 13 लाख जवानों की ताकत वाली इंडियन आर्मी धीरे-धीरे युद्ध की ओर बढ़ रही है। सेना रॉकेट और मिसाइल से लेकर उच्च मारक क्षमता वाले टैंक और आर्टिलरी शेल्स का जखीरा भी खड़ा कर रही है। ये सारी तैयारियां इस प्रकार से की जा रही हैं ताकि 10 दिन तक चलने वाले किसी भयानक युद्ध के लिए आपूर्ति पूरी रहे। आगे चलकर इस टारगेट को 40 दिन किया जाएगा।
हालांकि, ऐसा किसी आने वाले खतरे के चलते नहीं, बल्कि 2022-23 तक सेना को और सशक्त बनाने के लिहाज से किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आर्मी के लिए अलग-अलग हथियार 10 (आई) स्तर तक पहुंचाए जाएंगे, जिसका मतलब है कि 10 दिन तक चलने वाले घमासान युद्ध के लिए आवश्यक स्टॉक का होना। सूत्रों के अनुसार, यह तैयारी खासकर पश्चिमी सीमा के लिए है।किन्तु हथियारों का जखीरा पाकिस्तान और चीन, दोनों को ध्यान में रखकर खड़ा करना होगा। आपको बता दें कि पहले जो आवश्यक सामान कम पड़ते थे, उन्हें पूरा कर लिया गया है और लगभग 12,890 करोड़ रुपये के 24 और कॉन्ट्रैक्ट अभी पाइपलाइन में हैं। इनमें से 19 विदेशी कंपनियों के साथ किए गए समझौते हैं। आपको बता दें कि उरी और पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क हो गई है।