उत्तर प्रदेश के कन्नौज में यात्रियों से भरी बस में देर रात भीषण आग लग गई। जिसमें 25 यात्री की जलकर मौत हो गई। बस में 50 यात्री सवार थे। बता दें कि देश में सड़क हादसों में लाखों लोग हर साल अपनी जान गवाते हैं। सड़कों की खराब स्थिति, नियमों का सही ढंग से पालन न करना और अन्य कई वजहों से देश के अलग अलग राज्यों में रोड एक्सीडेंट होते हैं। जिनमें हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। आइए सड़क हादसों से जुड़े कुछ अहम बातों के बारे में जानते हैं.... जनवरी- मई में होते हैं ज्यादा हादसे वैसे तो रोड एक्सीडेंट कभी भी हो सकता है। लेकिन आंकड़ों के मुताबिक जनवरी और मई के महीने सबसे अधिक एक्सीडेंट होते हैं। रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी और मई में साल के अन्य महीनों के मुकाबले अधिक हादसे होते हैं। जिसकी वजह बताई गई है कि जनवरी में सर्दी अधिक होने की वजह से कोहरा छाया रहता है जिसके दृश्यता कम रहती है, जबकि मई में गर्मियों की छुट्टी के चलते सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ जाता है। शाम को 6 से 9 बजे के बीच होते हैं सबसे ज्यादा हादसे मीडिया रिपोट्स के अनुसार कुल रोड ऐक्सिडेंट्स में से 20 प्रतिशत हादसे शाम को छह बजे नौ बजे के बीच होते हैं। यह समय उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में लागू होता है। यानी अन्य राज्यों में छह बजे नौ बजे के बीच रोड एक्सीडेंट होते हैं। साल 2018 में 6 से 9 बजे के बीच लगभग 85,000 सड़क हादसे हुए थे। बताया जाता है कि दफ्तरों से छुट्टी के बाद इन 3 घंटों के दौरान रोड पर ट्रैफिक अचानक बढ़ जाता है। जिसके चलते हादसों की आशंका अधि बढ़ जाती है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में सड़क हादसों में कुल 1,52,780 लोगों की मौत हुई थी। सकड़ हादसे जनवरी- 40, 606 मई- 40, 163 अप्रेल- 38, 213 मार्च- 38, 273 दिसंबर- 37, 470 देश में हर दिन 400 मौत देश में हर 60 मिनट में 55 सड़क दुर्घटनाएं होती है। इन दुर्घटनाओं में 17 लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। रोज का हिसाब लगाएंगे तो हर दिन 1374 सड़क दुर्घटना होती है और रोज 400 लोगों की मौत हो जाती है। हर बीतती तारीख के साथ 400 लोग मारे जा रहे हैं। 2015 में 5,01,423 सड़क दुर्घटना हुई थी, जबकि 2014 में दुर्घटनाओं का आंकड़ा 4,89,400 थी, एक साल में 2.5 फीसदी आंकड़ा बढ़ गया। 2015 में मरने वालों की संख्या 1,46,133 थी, जबकि 2014 में 1,39,671 के मुकाबले इसमें 4.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...