बिहार के फुलवारी शरीफ में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का विरोध करने वाले आमिर हंज़ला की हत्या के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आमिर की हत्या में हिंदूवादी संगठनों की भूमिका सामने आई है। गिरफ़्तार लोगों में से दो आरोपी संदिग्ध हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हैं।
पुलिस के मुताबिक, 18 वर्षीय आमिर हंज़ला की हत्या के आरोप में हिंदू पुत्र संगठन के 23 वर्षीय नागेश सम्राट, हिंदू समाज संगठन के 21 वर्षीय विकास कुमार सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों आरोपियों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर आमिर को प्रदर्शन के दौरान पकड़ लिया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
आमिर की बीती 21 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से बुलाए गए बंद के दौरान हत्या कर दी गई थी। हत्या के 10 दिन बाद 31 दिसंबर को उसका शव बरामद किया गया था। उसका शव जब बरामद किया गया तो क्षत विक्षत हालत में मिलाद इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन के इंचार्ज रफीकुर रहमान ने बताया कि, “हमारी जांच में पता चला है कि जब CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तितर-बितर किया तो पीड़ित आमिर भी प्रदर्शन छोड़कर भाग गया, लेकिन कुछ लड़कों ने उसे संगत गली में पकड़ लिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, आमिर की हत्या ईंटों और नुकीली चीजों से वार कर की गई। आमिर के सिर में चोट के निशान मिले हैं, वहीं उसके शरीर पर भी कटे के निशान पाए गए हैं। उसके पेट में भी काफी रक्त इकट्ठा पाया गया है, जिससे पता चलता है कि उसे अंदरुनी ब्लीडिंग हुई थी।”
आमिर की बेरहमी से की गई हत्या पर पत्रकार विनोद कापड़ी ने संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “उसका सिर कुचला हुआ था सीना और पेट चाकुओं से गोदा गया था। उसके हाथ में तिरंगा था। उसका क़ुसूर? वो #CAA_NRC protest में हिस्सा लेने गया था”।
उसका सिर कुचला हुआ था
सीना और पेट चाकुओं से गोदा गया था
उसके हाथ में तिरंगा था
उसका क़ुसूर ?
वो #CAA_NRC protest में हिस्सा लेने गया था।साभार: बोलता हिंदुस्तान