नई दिल्लीः पंजाब में कांग्रेस पार्टी की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में कई नेता पहले से ही अकाली-भाजपा गठबंधन को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जबकि अब दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी दोनों पार्टियों में तल्खी वाला माहौल है।दरअसल, अकाली दल इस बार दिल्ली में भाजपा से आठ सीटों की मांग पर अड़ने वाला है। अगर, इतनी सीटें भाजपा उन्हें नहीं देती तो अकाली दल अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला कर सकता है।
इस बात के संकेत पार्टी की दिल्ली इकाई के कनवीनर अवतार सिंह हित ने अपने एक बयान में दिए हैं। पिछली बार अकाली दल को मात्र 4 सीटें मिली थी और इस बार पार्टी को भरोसा है कि वे 8 सीटों पर चुनाव लड़कर जीतने की क्षमता रखती है। पार्टी के इस संकेत को इसलिए भी सत्य माना जा सकता है क्योंकि हरियाणा में भी अकाली दल ने अपने ही बल पर चुनाव लड़ा था। जबकि भाजपा ने न तो अकाली दल उनकी उपेक्षा के मुताबिक सीटें देने का कोई जिक्र किया और न ही उम्मीदवारों का ऐलान करने से पहले दोनों पार्टियों ने कोई सलाह मशवरा किया। अब पंजाब बोलते दिल्ली के इलाकों में अकाली दल के इस फैसले को लेकर बड़ी चर्चा छिड़ी हुई है।