बाबा काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओंं को अब से ड्रेस कोड का पालन करना होगा। द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में बाबा विश्वनाथ का स्पर्श दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को अब ड्रेस कोड के तहत जाना होगा। यह ड्रेस कोड जल्द लागू होने जा रहा है। रविवार को कमिश्नरी सभागार में काशी विद्वत परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है। स्पर्श दर्शन के समय को बढ़ाने के साथ ही श्रद्धालुओं में पुरुषों को धोती कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनकर ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
रविवार को काशी विद्वत परिषद के सदस्यों के साथ धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी और मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी प्रशासन के समस्त अधिकारियों की मौजूदगी में कई प्रस्ताव रखे गए, इसमें दो प्रस्ताव अहम रूप से थे। पहला शाम को 5:45 से 6:45 तक होने वाले स्पर्श दर्शन के समय को बढ़ाना और दूसरा विश्वनाथ धाम में खरीदे गए भवनों से निकले विग्रह को संयोजित करने की व्यवस्था। दोनों मुद्दों पर बैठक के दौरान एकमत से निर्णय हुआ। स्पर्श दर्शन मध्यान आरती से पहले 11:00 बजे तक किया जा सकता है। वहीं विग्रह को स्पर्श करने के लिए एक प्रकार का वस्त्र तय होना आवश्यक है। पुरुष को धोती कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनने का एक नियम बनाया जा रहा है। इसके अलावा पैंट-शर्ट, जींस, कोट पहनने वालों के लिए केवल दर्शन की व्यवस्था लागू की जाएगी। सभी विद्वानों ने उज्जैन स्थित महाकाल ज्योतिर्लिंग और दक्षिण भारत के सभी मंदिरों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि महाकाल में भस्म आरती के समय स्पर्श करने वाले बिना सिले हुए वस्त्र धारण करते हैं, बाकि सभी लोग केवल दर्शन करते हैं। इसलिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी यह व्यवस्था लागू होनी चाहिए। साथ ही विद्वत परिषद ने मंदिर में पूजा पाठ करने वाले सभी अर्चकों का भी एक ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए मंदिर प्रशासन को सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि अर्चक का ड्रेस कोड ऐसा हो, ताकि वह भीड़ में आसानी से अलग से पहचाना जा सके।