दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। खास बात है कि भाजपा ने इस बार 26 नेताओं के टिकट काटे हैं। इसमें भाजपा दिल्ली के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा का नाम प्रमुख तौर पर है।
कुलवंत राणा 2003 में दिल्ली से चुनाव जीतने वाले सबसे नौजवान उम्मीदवार रह चुके हैं। वह 2008 और 2013 में भी रिठाला से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। भाजपा ने अभी नई दिल्ली, महरौली, संगम विहार सहित 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं।
भाजपा ने 2015 में चुनाव लड़कर हार जाने वाले कई नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। मिसाल के तौर पर रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा की जगह मनीष चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा गया है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि कुछ मामलों में घिरने के कारण भाजपा ने इस बार कुलवंत को मैदान में नहीं उतारा है।
इसी तरह तिमारपुर से प्रो. रजनी अब्बी की जगह सुरेंद्र सिंह बिट्टू को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। बादली से राजेश यादव, बवाना से गुगन सिंह रंगा, सुल्तानपुर माजरा से प्रभु दयाल का टिकट कट गया है।
मंगोलपुरी (अनुसूचित जाति) सीट से सुरजीत, त्रिनगर से नंदकिशोर इस बार टिकट पाने में सफल नहीं हुए। वहीं मॉडल टाउन से 2015 में चुनाव लड़कर हारने वाले विवेक गर्ग की जगह पार्टी ने केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे और आप के बागी कपिल मिश्रा को टिकट दिया है।
इसी तरह से सदर बाजार से प्रवीन जैन, बल्लीमरान से श्याम लाल, लक्ष्मीनगर से बी. बी. त्यागी, गांधी नगर से जितेंद्र चौधरी, सीलमपुर से संजय जैन, घोंडा से अजय महावत, पटेल नगर से कृष्ण तीरथ का टिकट कटा है। जनकपुरी, उत्तम नगर, पालम, जंगपुरा, मालवीय नगर, अंबेड़कर नगर, ग्रेटर कैलाश, कोंडली और पटपड़गंज विधानसभा सीटों पर भी पार्टी ने चेहरे बदल दिए हैं।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है ! हिं