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गुजरात का मशहूर अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव

अहमदाबाद। गुजरात का मशहूर अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस महोत्सव को मनाने के सांस्कृतिक महत्व से इतर इसका एक और अहम पहलू भी है। वह पहलू है मनोरंजन के साथ-साथ रोजगार मुहैया कराना। दुनियाभर में मशहूर यह पतंग महोत्सव लाखों लोगों की रोजी-रोटी का भी साधन है। इसी प्रमुख वजह के चलते गुजरात सरकार ने इस महोत्सव के जरिए पतंग उद्योग में सुधार और उसके उत्थान के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
गुजरात राज्य में रहने वाले कुछ परिवार तो ऐसे हैं जो पूरी तरह से इसी पतंग व्यवसाय पर आश्रित हैं। पतंग उत्सव से कई महीने पहले ये परिवार पतंगों का निर्माण शुरू कर देते हैं। साल 2012 के एक सर्वे के मुताबिक में पतंग निर्माण उद्योग 175 करोड़ का था। इससे जुड़े 30,000 लोगों को रोजगार मिला। कालांतर में धीरे-धीरे ये तादाद बढ़ती ही गई। जिसके परिणामस्वरूप साल 2017-18 में ये उद्योग 625 करोड़ का हो गया। एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक लगभग 1,28,000 लोग गुजरात के पतंग उद्योग से जुड़े हुए हैं। इन आंकड़ों के नजरिये से गुजरात का पतंग उद्योग, हिंदुस्तान के कुछ बड़े घरेलू उद्योगों में शुमार होता जा रहा है।
पतंग उद्योग में पूरे देश में गुजरात की 40 फीसदी हिस्सेदारी है और इसमें लगभग 1.28 लाख लोग काम कर रहे हैं। पतंग महोत्सव कई स्थानीय कारीगरों और छोटे व्यापारियों को आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। गुजरात सरकार का सफल पतंग महोत्सव निश्चित रूप से विभिन्न तरीकों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाता है। इससे जुड़े हुए पतंग निर्माता और व्यापारी खुद इस बात को मानते हैं कि इसके जरिए उनकी आय में इजाफा हुआ है।


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