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राजद्रोह के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 5 दिन पहले गिरफ्तार किए गए हार्दिक पटेल को मिली जमानत

अहमदाबाद- गुजरात में अहमदाबाद की एक अदालत से राजद्रोह के एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पांच दिन पहले गिरफ्तार किये गये कांग्रेस में शामिल हो चुके पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व सयोजक हार्दिक पटेल को आज इस मामले में जमानत मिल गयी। उनके वकील रफीक लोखंडवाला ने बताया कि हार्दिक को जमानत मिल गयी है हालांकि तकनीकी कारणों से वह संभवत: कल जेल से रिहा होंगे। वह आगामी 24 तारीख को अदालत में सुनवाई के दौरान भी हाजिर रहेंगे। इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि हार्दिक के खिलाफ उत्तर गुजरात के पाटन जिले के सिद्धपुर में प्रशासनिक आदेश के उल्लंघन का एक मामला वर्ष 2017 में दर्ज था जिसे लेकर उन्हें वहां की अदालत में कल पेश किया जाना है। उसके बाद ही उनकी रिहाई की संभावना है। हार्दिक को 18 जनवरी को उक्त वारंट जारी होने के कुछ ही घंटे बाद अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका, जो उनका गृह क्षेत्र भी हैं, के हांसलपुर चौराहे के पास से पकड़ा गया। उन्हें बाद में जेल भेज दिया गया था। ज्ञातव्य है कि अदालत ने सुनवाई के दौरान बारंबार अनुपस्थिति के कारण वारंट जारी किया था। यह मामला 25 अगस्त 2015 को यहां जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर यहां क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गयी थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गये थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी जे गणात्रा की अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 जनवरी तय कर दी थी। ज्ञातव्य है कि हार्दिक के खिलाफ सूरत में राजद्रोह का एक अन्य मामला भी दर्ज है। उस मामले में भी उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली हुई है। वह दोनो मामलों में लगभग नौ महीने तक जेल में रहे थे और रिहाई के बाद जमानत की शर्त के अनुरूप छह माह तक गुजरात के बाहर भी रहे थे। 


 


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