देश के मेगास्टार रजनीकांत की फिल्म `दरबार’ को लेकर दक्षिण भारत के दर्शक बहुत उत्साहित हैं। निर्देशक एआर मुरुगदास फिल्म को देखने की एक और मुख्य वजह है। उन्होंने गजनी, अकीरा और हॉलिडे जैसी हिंदी फिल्में बनाई हैं। `दरबार’ का बजट २५० करोड़ रुपए बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसमें से तो सौ करोड़ रुपए रजनीकांत को ही बतौर फीस दिए गए हैं। फिल्म के निर्माता निश्चिंत हैं कि फिल्म अपनी लागत आसानी से वसूल लेगी। रिलीज के पहले ही भारत और विदेश के थिएट्रिकल राइट्स, म्युजिक राइट्स, टीव-डिजीटल राइट्स बेच कर ही १८० करोड़ रुपए आ गए हैं। शेष रकम भी आसानी से वसूल हो जाएगी क्योंकि थिएटर से होने वाली आय में भी निर्माता का हिस्सा है। रजनीकांत का जलवा अभी भी बरकरार है और फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी ओपनिंग मिल चुकी है।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...