मध्य प्रदेश के शहडोल में शहादत के तीन साल बाद भी शहीद का परिवार अपने बेटे के सम्मान के लिए जंग लड़ रहा है। सरकारी तंत्र की टालमटोल के आगे बेबस पिता सरकारों से नाखुश हैं। दरअसल, इतने लंबे अर्से में उनके बेटे की शहर में लगी प्रतिमा को ठीक नहीं कराया जा सका है। शहीद के चेहरे और प्रतिमा में काफी फर्क है। सामान्य तौर पर नजर आने वाली खामी को दूर करने की जगह प्रतिमा को ही ढंक दिया गया है। नई प्रतिमा लगाने के लिए नगर पालिका (नपा) को 90 हजार रुपये देना है। यह प्रक्रिया पूरी नहीं होने से देश के गौरव का चेहरा कपड़ों में लपेट दिया गया है।
25 जनवरी 2017 को जम्मू-कश्मीर के 109 गुरेज सेक्टर में सेना के जवान देवेंद्र सोनी शहीद हो गए थे। सेना के बचाव अभियान के दौरान बर्फ में फंसे जवानों को निकालते वक्त देवेंद्र बर्फ के नीचे दब गए थे। तीन दिन बाद उनका शव निकाला जा सका था। उनकी पार्थिव देह दो फरवरी 2017 को शहडोल लाई गई थी। देवेंद्र के अंतिम संस्कार के तीन माह के भीतर नगर पालिका ने शहीद पार्क में उनकी प्रतिमा लगवाई थी। अनावरण के वक्त ही प्रतिमा को देख स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए, क्योंकि प्रतिमा और देवेंद्र के चेहरे में काफी अंतर था। जब इसका विरोध बढ़ा तो नपा ने प्रतिमा को ढंक दिया।