:36 PM उत्तराखंड में कई रेलवे स्टेशनों के नाम उर्दू के बजाय संस्कृत में लिखे जाएंगे। इसकी जानकारी रेवले अधिकारियों ने दी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला लिया गया है कि राज्य प्लेटफार्मों पर साइनबोर्डों पर रेलवे स्टेशनों के नाम अब उर्दू के बजाय संस्कृत में लिखे जाएंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रेलवे नियमावली के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। जिसमें कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और राज्य की दूसरी भाषा में लिखे जाने चाहिए। देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2010 में उत्तराखंड सरकार संस्कृत को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने वाली देश की पहली सरकार बन गई थी, क्योंकी राज्य के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक राज्य में भाषा को बढ़ावा देना चाहते थे। अधिकारियों ने कहा कि एक स्थानीय मंत्री द्वारा संकेत देने के बाद यह मुद्दा वापस आया। यह भी कहा गया था कि नाम पहले उर्दू में इसलिए लिखे गए थे क्योंकि यह उत्तर प्रदेश का एक हिस्सा था जहां उर्दू राज्य की दूसरी भाषा है। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि वे अब दो अलग-अलग राज्य हैं, इसलिए वे बदलाव कर रहे हैं। अधिकारी ने जिला मजिस्ट्रेटों को लिखा पत्र एक वरिष्ठ विभागीय प्रबंधक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में होने चाहिए न कि उर्दू में। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य अधिकारी ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में स्टेशनों की लिखित स्पेलिंग देने का अनुरोध किया है। वे उनके जवाबों का इंतजार किया जा रहा है। इन रेलवे स्टेशनों पर लिखे जाएंगे संस्कृत में नाम मिली जानकारी के अनुसार देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, लक्सर, रायवाला, डोईवाला, ऋषिकेश सहित कई रेलवे स्टेशनों के नाम से संस्कृत में लिखे जाएंगे।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...