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दिल्ली की जिम्मेदारी एन एस ए अजीत डोभाल ने संभाली

नई दिल्ली। जो कुछ हो गया वह हो गया। पूरा यकीन है कि अब यहां पर शांति होगी। हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के हुक्म की तामील करने यहां आए हैं। इंशाल्लाह यहां बिल्कुल अमन होगा। पुलिस अलर्ट है। इंतजामिया की जिम्मेदारी है कि हर एक को महफूज रखे और सलामती की जिम्मेदारी ले। कुछ इन्हीं लफ्जों के साथ उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थानीय बाशिंदों को सुरक्षा का दिलासा देते नजर आए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल।

इससे पहले डोभाल इस अंदाज में जम्मू-कश्मीर में नजर आए थे, जब 370 हटने के बाद हालात नाजुक थे और वे खुद सडक़ों पर उतरकर लोगों को समझा-बुझा रहे थे। प्रधानमंत्री के निर्देश पर मंगलवार की रात से लेकर बुधवार को 16 घंटे का ऑपरेशन चलाकर अजित डोभाल ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के बेकाबू होते हालात को काबू में किया। मंगलवार की रात साढ़े 11 बजे और बुधवार को साढ़े तीन बजे दो बार वे उत्तरी-पूर्वी डीसीपी दफ्तर पहुंचे।

इन 16 घंटों में डोभाल ने पुलिस, अर्धसैनिक बलों की ठीक संख्या में तैनाती, दोनों पक्षों के प्रभावशाली लोगों और धर्मगुरुओं से शांति की अपीलें से लेकर हर वो रणनीति अपनाई जिससे सडक़ों पर भीड़ आने से रोका जा सके। मंगलवार की रात से लेकर बुधवार को अजित डोभाल लगातार अलर्ट मोड में रहे और खुद फील्ड में मोर्चा संभाले नजर आए। यह डोभाल की सक्रियता ही रही जिसकी बदौलत हिंसा की आंच में झुलसती उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हालात चौथे दिन सुधरते दिखे।

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को राजधानी में थे। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में दिल्ली की हिंसा डील करने में सरकारी मशीनरी के सामने समस्या आई। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री से लेकर अन्य बड़े अफसरों का ध्यान दोनों तरफ बंटा रहा। दिल्ली के बिगड़ते हालात को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चिंतित थे। यहां तक कि जब राष्ट्रपति भवन में ट्रंप के लिए डिनर पार्टी रखी गई थी तब अमित शाह आवास पर सुरक्षा की समीक्षा कर रहे थे।

ट्रंप के मंगलवार को दिल्ली से उड़ान भरने के बाद से दिल्ली के हालात को काबू में करने की मुहिम तेज हुई। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों में अपने सबसे भरोसेमंद अजित डोभाल को याद किया और उन्हें पूरी बागडोर अपने हाथ में लेकर दिल्ली में हालात संभालने का निर्देश दिया। फिर यहीं से अजित डोभाल ने दिल्ली में हिंसा रोकने का ऑपरेशन शुरू किया। खुद अजित डोभाल ने भी बुधवार को लोगों से कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री ने भेजा है।

डोभाल सबसे पहले मंगलवार की रात साढ़े 11 बजे उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी ऑफिस पहुंचे थे। यहां अफसरों से हालात की जानकारी लेने के बाद हिंसा प्रभावित सीलमपुर, भजनपुरा, मौजपुर, यमुना विहार जैसे इलाकों का उन्होंने दौरा किया था। डोभाल को पता चला कि पुलिस में तालमेल और जवानों की कमी के कारण उपद्रवी हावी पड़ते दिख रहे हैं। इसके बाद डोभाल ने हिंसा प्रभावित सीलमपुर से लेकर जाफराबाद, मौजपुर, यमुना विहार में कफ्र्यू जैसी स्थिति लागू करने का निर्देश दिया। हर दो सौ से तीन सौ मीटर पर पुलिस फोर्स की तैनाती कराई।



 


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