नई दिल्ली। साहब, जिस दिन से दंगा शुरू हुआ, अगर उसी दिन पुलिस समय पर एक्शन ले लेती तो हिंसा नहीं होती। दुकानें लूटी जा रही थीं, भीड़ हमारी जान लेने पर आमादा थी, तब बचाने के लिए पुलिस नहीं थी। दो जून की रोटी के लिए जूझते हम लोग खुद नहीं चाहते कि इलाके में हिंसा हो।
जब दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर नरेंद्र सिंह बुंदेला गुरुवार को हिंसा प्रभावित उत्तरी-पूर्वी दिल्ली का दौरा करने पहुंचे तो उनसे लोगों ने यही शिकायत की। पांचवें दिन गुरुवार को हिंसा प्रभावित मौजपुर, जाफराबाद इलाके में पुलिस फोर्स के साथ ज्वाइंट कमिश्नर नरेंद्र सिंह बुंदेला लोगों का हालचाल लेने पहुंचे थे। उन्होंने करीब डेढ़ बजे मौजपुर, विजय पार्क इलाके में सडक़ किनारे और गलियों में मौजूद लोगों से मिलकर उनका हालचाल पूछा।
लोगों का कहना था कि पुलिस तब सख्त हुई, जब दुकानें लूट ली गईं, तोडफ़ोड़ की गई और खून-खराबा हो चुका। सोमवार और मंगलवार को जाफराबाद से लेकर मौजपुर और बाबरपुर में मामूली पुलिस फोर्स तैनात रही। इस कारण उपद्रवी पुलिस पर भारी पड़े। बुधवार से हालात में जरूर सुधार आया।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...