मुसलमानों से डर किसको और क्यों ?
एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
मुसलमानों से केवल और केवल उन्हें नफरत है, जो द्वेष, दुराग्रह में अपना जीवन व्यतीत करते है, जैसे मानुवादी, तथा उन्मादी लोग, जो अपना वर्चस्व किसी भी रूप स्थापित रखना चाहते हैं , और यह लोग कैसे है और कौन लोग हैं? इनका धंधा क्या है। थोड़ा ध्यान से इसे पढ़ें और मंथन करें ।
पहला- भारत मे मन्दिर के व्यावस्थापक, दूसरा- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्याज शराब और फैशन कॉरपोरेट, तीसरा- हत्यार, और वैश्याविर्त का धंधा।
इस्लाम अर्थात इंसानियत - इन सभी बुराइयों से दूर रहने का सख्ती से हुक्म देता है - इंसानियत अर्थात इस्लाम में इन बुराइयों की कोई जगह नहीं, और जो इस्लाम के फॉलोवर हैं वह मुसलमान है को इस्लाम अर्थात इंसानियत में उदारवादी बनने का सर्वप्रथम सीख दी गई है और दूसरे-अपनी और समाज तथा राष्ट्र की रक्षा एवं दूसरों का संम्मान करने का हुक्म दिया गया है, सद्भावनापूर्ण जीवन व्यतीत करने तथा अन्य गरीब लाचार लोगों का सहयोग करने का हुक्म दिया गया है।
अब ऐसी स्थिति में थोड़ा मंथन करें - इनसभी को यही लगता है, की इस्लाम को मानने वाले केवल मुसलमान ही एक ऐसा समुदाये है जिसके कारण ब्याज, मन्दिर, शराब, फैशन, हत्यार,वैश्याविर्त के धंधे आने वाले समय मे बन्द हो जाएंगे। बड़ी तेजी से आज इंसान इस्लाम अर्थात इंसानियत को अपना रहा है । इसलिये की 70% व्यक्ति शांति सद्भवना सौहार्दपूर्ण वातावरण चाहत चाहता और इसी चाह में लोग धीरे धीरे जो इस्लाम और मुसलमानों को समझने लगे उन्होंने ने ईमान अर्थात मुस्लमानियत व इस्लाम को अपना रहे है और अपनाया । ऐसी स्थिति में इन कॉर्पोरेटरों को आभास होने लगा कि यदि लोगों ने इस्लाम अर्थात इंसानियत अपना कर मुसलमान बन गए तो बहुत जल्द ही यह ऐसे धंधे बन्द हो जाएंगे। इसके लिये इन्होंने मुसलमानों को कहीं , गुसपैठिया , तो कहीं आतंकवादी, तो कहीं अन्य प्रकार से बदनाम तथा उन्हें रोकने का कामकर रहे हैं।
यह केवल भारत मे नहीं है यह कार्य सम्पूर्ण विश्व मे बड़े उच्च स्तर पर किया जा रहा है।
यदि स्थानीय अपराध का रेशिओं देखेंगे तो भारत मे अन्य देशों की तुलना में तीन गुना अधिक केवल हिन्दू समुदाये में ही अपराध हो रहा है। लेकिन मुसलमानों के विरुद्ध एक माहौल तैयार कर भारत में इनदिनों हिंदुत्व को बाहरी शक्तिओ एवं सरकार का प्रोत्साहन दे कर इस लिये बढाया जा रहा है कि यह लोग हिन्दू के नाम पर मुसलमानो पर हावी रहें और और इन कॉरपोरेटों का धंधा आसानी से चलता रहे।