चंडीगढ़ः पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने विधानसभा में 2020-21 का 1,54,805 करोड़ का बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सरकारी खजाने की हालत सुधरी।उन्होंने कहा कि पंजाब 2006 के बाद प्राइमरी सरपल्स में नहीं आया था। पर अब राज्य प्राइमरी सरपल्स हो गया है। पंजाब का यह बजट निष्पक्ष वाला है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के सेवाकाल में 2 साल की कटौती कर दी गई है। उन्होंने राज्य में सरकारी कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से घटा कर 58 साल करने का ऐलान करते हुए तर्क दिया कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ें।पंजाब सरकार के इस कदम से कर्मचारियों में रोष बढ़ने की संभावना है। वित्तमंत्री ने कर्मचारियों को इसके साथ ही राहत देने की भी घोषणा की। उन्होंने सरकारी कर्मियों को महंगाई भत्ते की बकाया किस्त 31 मार्च तक देने की घोषणा की। बजट में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने किसानों के लिए भी कई घोषणाएं कीं। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में मुफ्त परिवहन सुविधा देने का भी ऐलान किया गया है।
बजट से पहले अकालियों का प्रदर्शन
बता दे कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल को बजट पेश करने के लिए साढ़े दस बजे विधानसभा में पहुंचना था, लेकिन शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने उनका आवास घेर लिया।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह साढ़े दस बजे के करीब विधानसभा में पहुंच गए थे। मनप्रीत बादल के नहीं पहुंच पाने के कारण स्पीकर को कार्रवाई 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। पुलिस द्वारा अकाली दल के विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य विधायकों को हिरासत में लिए गया और इसके बाद मनप्रीत बादल अपने आवास से निकल पाए। मजीठिया के साथ मनप्रीत का आवास घेरने वालों में उन किसानों के परिजन भी शामिल थे जिन्होंने कर्ज के कारण आत्महत्या की थी।