नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को उनके सम्मान में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिये गये राजकीय रात्रिभोज में भाग लिया जो उनकी दो दिनी भारत यात्रा का अंतिम समारोह रहा.इस दौरान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संगीत उस्ताद एआर रहमान और कई राज्यों के मुख्यमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति के सम्मान में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा आयोजित भोज भोज में शामिल हुए.अपनी पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला नागरिक मेलानिया ट्रंप के साथ पहुंचे ट्रंप का राष्ट्रपति भवन के भव्य प्रांगण में राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता ने स्वागत किया.
कोविंद अमेरिकी राष्ट्रपति को दरबार हॉल तक लेकर गये जहां मेहमान राष्ट्रपति ने गौतम बुद्ध की पांचवीं सदी की प्रतिमा और अन्य अनेक भारतीय नेताओं की तस्वीरें देखीं.
बाद में दोनों राष्ट्रपतियों ने रस्मी बातचीत की जिस दौरान कोविंद ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों के महत्व का आकलन इस बात से ही किया जा सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े.
कोविंद ने अपने शुरूआती वक्तव्य में कहा, ‘अमेरिका एक मूल्यवान दोस्त है और भारत दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दो दिन बहुत लाभप्रद रहे.उन्होंने कहा कि दोनों देश व्यापार और सैन्य समझौतों पर काम कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा कि भारत आना सीखने का अद्भुत अनुभव देने वाला रहा है. उन्होंने स्वागत-सत्कार के लिए राष्ट्रपति कोविंद का शुक्रिया अदा किया.
डोनाल्ड ट्रंप और परिवार के लिए एक विस्तृत मेन्यु जिसमें कई शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन शामिल रहे.
अमेरिकी राष्ट्रपति शाम को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद राष्ट्रपति भवन पहुंचे. इससे पहले दिन में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों प्रतिबंधित और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की थी.
कांग्रेस ने भोज का बहिष्कार किया
वहीं कांग्रेस ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 25 फरवरी यानि मंगलवार को ट्रंप के लिए आयोजित होने वाले भोज का बहिष्कार किया. कांग्रेस के नेता पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को न्यौता ना देने से नाराज हैं.पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले निमंत्रण स्वीकार कर लिया था लेकिन उन्होंने इस भोज में शामिल होने में सोमवार को असमर्थता जाहिर की थी. उन्होंने भोज में शामिल नहीं हो पाने को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय से खेद जताया था.राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रित नहीं किए जाने के विरोध में आधिकारिक भोज में शामिल नहीं होने का फैसला किए थे.
विपक्षी कांग्रेस इस बात को लेकर मोदी सरकार से नाराज है कि उसके शीर्ष नेताओं को भारत आए अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ परम्परा के अनुसार बैठक की अनुमति नहीं दी गई.
लोकसभा में कांग्रेस के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने भी पार्टी के शीर्ष नेताओं को निमंत्रण नहीं दिए जाने के विरोध में भोज में शामिल नहीं होने का फैसला किया था.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह संभवत: पहली बार है जब मुख्य विपक्षी दल के नेता यात्रा पर आए किसी राष्ट्राध्यक्ष के सम्मान में आयोजित आधिकारिक भोज में शामिल नहीं होंगे और अलग से बैठक नहीं करेंगे.