Skip to main content

राष्ट्रपति ने 21 वैज्ञानिकों को पुरस्कार से नवाजा

 

 

नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह में शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में लिंग समानता के लिए तीन प्रमुख पहल की घोषणा की। इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय है- विज्ञान में महिलाएं। राष्ट्रपति ने वैज्ञानिक उपक्रम की गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढ़ाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को विकास और कल्याण का योगदान देते हुए लोगों के लिए काम करना चाहिए।

विज्ञान ज्योति पहल, हाई स्कूल की मेधावी बालिकाओं को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरी और गणित (स्टेम) में प्रवेश लेने के लिए समान अवसर प्रदान करेगा। संस्थानों के व्यापक सुधार के लिए जेंडर एडवांसमेंट से विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजीनियरी और गणित में लिंग समानता के मूल्यांकन का व्यापक चार्टर और फ्रेमवर्क विकसित किया जा सकेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संसाधनों का ऑनलाइन पोर्टल महिलाओं से संबंधित सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों, फैलोशिप, करियर, काउंसिलिंग से संबंधित ई-संसाधन उपलब्ध कराएगा, जिनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न उपविषयों के विशेषज्ञों का विवरण भी होगा।

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का प्राथमिक उद्देश्य विज्ञान के महत्व का प्रसार करना है। इसके दो पहलु हैं- जीवन स्तर को सुधारने में सहायक- अपने आप में विज्ञान, ज्ञान की ललक और समाज में विज्ञान। दोनों ही आपस में जुड़े हैं, क्योंकि दोनों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण साझा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से हम समान आर्थिक वृद्धि के लिए पर्यावरण, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खाद्य और जल सुरक्षा तथा संचार की चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपट सकते हैं। आज हमारे समक्ष जटिल और बहु-स्तरीय चुनौतियां हैं। विभिन्न संसाधनों की मांग और पूर्ति में बढ़ते अंतर से भविष्य में टकराव हो सकता है। इन चुनौतियों के टिकाऊ समाधान के लिए हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने इस वर्ष के विज्ञान दिवस के विषय- विज्ञान में महिलाओं की प्रशंसा की और कहा कि ये विगत की सोच से एक उल्लेखनीय परिवर्तन है। नवाचार और लिंग समानता समूची विकास प्रक्रिया को गति प्रदान करती है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि हमें संकेत से हट कर संपूर्णता की तरफ बढ़ना होगा, विशेष रूप से तब जब भारतीय विज्ञान में लिंग समानता की भावना विकसित करने का समय हो। सरकार के महिला सशक्तिकरण पर हाल ही में विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किए जाने से महिलाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन-अमरीका की हाल की रिपोर्ट के अनुसार भारत विज्ञान और इंजीनियरी के प्रकाशनों की संख्या में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यह हम सब के लिए गर्व का विषय है और विशेष रूप से हमारे एक संस्थान-जेएनसीएआर बैंग्लुरु के लिए बड़े गर्व की बात है कि उसे नेचर इंडेक्स में अनुसंधान की गुणवत्ता के क्षेत्र में 7वां स्थान मिला है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के रास्ते में नई चुनौतियां हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे 21वीं शताब्दी की चुनौतियों का मुकाबला करने हेतु समस्याओं के समाधान के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी आधारित राष्ट्रीय प्रयास करें। डॉ. हर्ष वर्धन ने इस अवसर पर भारत के अंग्रेजी और हिन्दी के मानचित्र का भी लोकार्पण किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विज्ञान, संचार और विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने के पुरस्कार समेत मेधावी महिला वैज्ञानिकों को श्रेष्ठता पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कार, स्पष्ट अनुसंधान के लिए लेखन क्षमता संवर्धन पुरस्कार, एससीईआरबी महिला श्रेष्ठता पुरस्कार और सामाजिक फायदों के लिए प्रौद्योगिकी के लिए प्रयोग से श्रेष्ठता प्रदर्शित करने वाली युवा महिलाओं के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा, भुवनेश्वर के प्रोफेसर सूर्यमणि बेहड़ा, लखीमपुर असम की डॉ. अमिया राजबोंगसी, किसान सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश, मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के डॉ. एस. नागारत्तिनम, आईसीएआर-आईएआरआई गाजियाबाद के डॉ. राजेन्द्र कुमार, एम्स नई दिल्ली की डॉ. उमा कुमार तथा अन्य को पुरस्कारों से नवाज़ा।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रति वर्ष 28 फरवरी को रमन इफेक्ट के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमण की 1930 में की गई खोज की स्मृति में हर वर्ष मनाया जाता है। सरकार ने 28 फरवरी, 1986 से इस दिवस के आयोजन की शुरुआत की।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी और सभी उद्यमों में वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस और टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट फरीदाबाद की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रोफेसर गगनदीव कांग ने इस अवसर पर विशेष व्याख्यान दिया।

राष्ट्रीय विज्ञान समारोह के आयोजन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार राष्ट्रीय परिषद नोडल एजेंसी के रूप में काम करती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने 1987 में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत की थी। ये पुरस्कार भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रदान किये जाते हैं ।

 



Popular posts from this blog

भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा-गादरे

मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये  महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...

बरेली में 78 वें जश्ने यौमें आजादी के मौके पर इंटेलेक्चुअल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (इसवा) द्वारा अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।

 हम करेंगे समाधान के लिए बरेली से फैज़ान नियाजी की रिपोर्ट। बरेली, 15 अगस्त 2024: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंटेलेक्चुअल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (ISWA) बरेली द्वारा एक ऐतिहासिक अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह भव्य आयोजन बरेली के प्रसिद्ध फहाम लॉन में संपन्न हुआ, जिसमें देश के कोने-कोने से शायरों और कवियों ने भाग लिया और अपने कलाम से देशभक्ति की भावना को प्रकट किया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में श्रोताओं ने शिरकत की और कार्यक्रम की भव्यता और राष्ट्रीय एकता के संदेश की सराहना की। कार्यक्रम का शुभारंभ रात 10 बजे हुआ, जिसमें सबसे पहले ISWA के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फ़ाज़िल और सचिव डॉ. शकील अहमद ने अतिथियों और शायरों का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिस बेग और निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अय्यूब अंसारी भी उपस्थित थे। डॉ. फ़ाज़िल ने अपने वक्तव्य में कहा, "ऐसे आयोजनों से समाज में भाईचारा और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। हमें 15 अगस्त के इस पावन दिन को पूरे जोश और उल्लास के साथ ईद की तरह मनाना चाहिए।" कार्यक्रम की अध्यक्षत...

दर्पण समाज सेवा समिति द्वारा 6 अक्टूबर 2024 को एम के फार्म हाउस में 10 जोड़ों का विवाह कराया गया

 आज दिनांक 6 अक्टूबर 2024 को सरधना के एम के फार्म हाउस में दर्पण समाज सेवा समिति द्वारा आठवां भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया।   इस कार्यक्रम में हिंदू मुस्लिम समुदाय के 10 जोड़ों का विवाह किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंस्पेक्टर कोतवाली सरधना प्रताप सिंह रहे जिन्होंने सभी जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज के लिए बेहद जरूरी है। इस कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य नागरिकों को सम्मानित किया गया। (1)निशा की शादी गुलशन के साथ,,(2)नेहा की शादी सोहेल के साथ,(3)नसीमा की शादी अकीब के साथ,(4) अल्का की शादी शहजाद के साथ,(5)बुशरा की शादी इसरार से(6)अंजुम की शादी अमन से,(7) तसमीम की शादी शोएब के साथ, (8)आसमा की शादी साजिद के साथ (9)राबिया की शादी सोनू के साथ(10) शबनूर की शादी आमिर खान के साथ की गई। इस मौके पर दर्पण समाज सेवा समिति की ओर से गणमान्य नागरिकों को सम्मानित किया गया जिसमें पूर्व अध्यक्ष निजाम अंसारी पूर्व अध्यक्ष असद गालिब ,समाजसेवी आग़ा ऐनुद्दीन शाह, समाजसेवी अली शाह, शावेज अंसारी आफताब अंसारी  शाहरुख   बंटी उर्फ पूर्व...