लखनऊ। राज्य में बिजली की कमी नहीं होने के दावा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि नगद वित्तीय घाटे की भरपाई होने के बाद बिजली की दरों में कमी करने पर विचार किया जायेगा। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में कई सुधार किये गये हैं, जिसके अनुकूल परिणाम सामने आने लगे है हालांकि नगद वित्तीय घाटा अभी भी करीब 13 हजार करोड़ रूपये के करीब बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हम केवल तभी सस्ती बिजली की अपेक्षा कर सकते हैं, जब वित्तीय घाटे की भरपाई पूरी हो जाये। हालांकि बिजली के दामों में तुरंत कमी की मांग पर अड़े समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुये और शोरशराबा करते हुये सदन से वाकआउट कर गये। बिजली की खस्ताहालत का जिम्मेदार पूर्ववर्ती सरकार को ठहराते हुए श्री शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने बिजली खरीद समझौता (पीपीए) ऊंची दरों पर किया जो घाटे का सबब बना और इसकी भरपाई के लिये बिजली की दरों में बढोत्तरी के लिये बाध्य होना पड़ा। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि जब सरकार कम दरों पर बिजली की खरीद करती है तो उसे वह क्यों उपभोक्ताओं से ऊंची कीमते वसूलती है। सरकार को चाहिये कि बिजली के दामों में तुरंत कमी की जाये। श्री चौधरी की मांग का समर्थन बसपा नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस के सदस्यों ने किया। मंत्री ने कहा कि बिजली दरों में कमी की मांग फिलहाल स्वीकार नहीं की जा सकती। उन्होने दावा किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति के लिये 7.50 रूपये प्रति यूनिट का खर्च आता है, जबकि ग्रामीण उपभोक्ताओं से 1.75 रूपये प्रति यूनिट की वसूली की जा रही है। सरकार के जवाब से खफा सपा और बसपा सदस्य वाकआउट कर गये। श्री शर्मा ने दावा किया कि भाजपा की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पिछले तीन साल के दौरान बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में 52 फीसदी तक की बढोत्तरी हुयी है जो दर्शाती है कि बिजली आपूर्ति बढी है और यह इस क्षेत्र में सुधार होने के लक्षण हैं।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है ! हिं