"हम करेंगे समाधान" समाचार पत्र ने कोरोना संक्रमण की वजह के कारण अपनी रजत जयंती की तमाम तैयारियों को विराम दिया
उत्तर प्रदेश के मशहूर शहर मेरठ के कस्बा सरधना में 3 नवंबर 1995 को एक ऐतिहासिक घटना हुई और उस ऐतिहासिक घटना का नाम था मोहल्ला कमरा नवाबान के रहने वाले एक मजदूर परिवार के एक अदना से व्यक्ति शौकीन अहमद बेताब ने एक समाचार पत्र की स्थापना की ।
जिसका नाम है "हम करेंगे समाधान" हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र । इस समाचार पत्र ने अपने नाम के अनुरूप अनेक ऐसी समस्याओं के समाधान में योगदान दिया जिन समस्याओं को लोग कठिन और अनसुलझा समझकर भूल चुके थे। समाज के शोषित, उत्पीड़ित और वंचित लोगों की पीड़ा को अपनी कलम के माध्यम से कागज पर उतार कर संबंधित लोगों तक पहुंचा कर उनकी समस्याओं के समाधान में योगदान देने का जो काम इस समाचार पत्र ने किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता।
जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा सांसद अली अनवर के साथ संपादक शौकीन अहमद बेताब |
आज 2020 में हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र हम करेंगे समाधान और ऑनलाइन वेबसाइट www.samadhannews.page की सिल्वर जुबली होने जा रही है । समाचार पत्र के संपादक शौकीन अहमद बेताब जीवन के 25 साल के इन अनुभव और संघर्ष के दिनों को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं और बताते हैं कि कभी-कभी ऐसा वक्त भी आया कि जब जेब में पैसे नहीं होते थे और समाचार पत्र छपवाने का समय आ जाता था और ऐसे हालात में समाचार पत्र को निकालना कितना मुश्किल होता है । लघु समाचार पत्रों की समस्याओं को समाज के ज्यादातर लोग नहीं समझ पाते। जबकि यही वह लघु समाचार पत्र होते हैं जो बड़े-बड़े घोटाले और बड़ी-बड़ी समस्याओं की ओर सरकार और संबंधित विभाग का ध्यान इंगित कर उन समस्याओं को दूर करने में अपना योगदान देते हैं। लघु समाचार पत्रों ने "जंगे आजादी" के दौरान अंग्रेजों की साजिशों को नाकाम करने में और स्वतंत्रता सेनानियों की सहायता करने में जो भूमिका निभाई उसे भुलाया नहीं जा सकता । जंगे आजादी की मशाल को जो रोशनी दी उसे आज भी याद किया जाता है। एक लघु समाचार पत्र के माध्यम से शुरू होने वाली इस छोटी-सी घटना से इन 25 साल के व्यतीत समय को जब भी याद करेंगे तो हमारे सामने बहुत सारी ऐसी चीजें आ जाती हैं जिन्हें याद करके हम एक नया अनुभव महसूस करते हैं । वह बताते हैं कि पिछले 25 साल के राजनीति के उतार-चढ़ाव को हमने खूब अच्छी तरह देखा है ,जो लोग सेकुलर धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई के अलंबरदार थे, आज वही लोग सांप्रदायिक बताने वाली पार्टी में अगुआ पंक्ति के नेता बने हुए हैं और राज्यसभा जैसी सीटों पर विराजमान है। जीवन के उतार-चढ़ाव और संघर्ष को जीने का अनुभव बड़ा कटु होता है । हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र "हम करेंगे समाधान" ने नवलेखा की साइट samadhannews.page समाधान न्यूज़ डॉट पेज पर दिसंबर 2019 को गूगल द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में आयोजित में तृतीय पुरस्कार जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। आज ऑनलाइन समाचार देने में "हम करेंगे समाधान" समाचार पत्र ग्रामीण और अविकसित क्षेत्र की घटनाओं को प्रकाशित करने में प्राथमिकता देता है तथा शोषित और वंचित समाज की उन घटनाओं को जिन्हें लोग तरजीह नहीं देते लगातार प्रकाशित करता है । हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र "हम करेंगे समाधान" अपनी रजत जयंती बड़ी धूमधाम से मनाएंगा और इसके लिए तैयारियां चल रही थी। किसी भी आयोजन की खुशी तभी संभव है जब हमारा समाज खुश और अच्छा रहे । आज विश्व के ऐसे हालात बन चुके हैं कोरोना संक्रमण की वजह से पूरा विश्व लोक डाउन में है । और भारत में लोगो ने लोकडाउन के कारण बहुत सारे आयोजन रद्द कर दिए गए हैं। इसी कड़ी में हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र "हम करेंगे समाधान" की प्रबंधन टीम ने भी है फैसला लिया है कि सर्वप्रथम कोरोना महामारी से पार पाना है उसी के बाद कोई भी खुशी का आयोजन या कोई भी आयोजन आयोजित किया जाएगा सरकार की नीतियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार "हम करेंगे समाधान " प्रबंधन अपनी रजत जयंती की तैयारियों को फिलहाल विराम देता है ।