Skip to main content

हरियाणा में नौकरी के पेपर लीक कब तक



 प्रियंका सौरभ

( जब-जब भी पेपर लीक हुए हैं हमने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की सेक्रेटरी का कोई बयान या जिम्मेवारी नहीं देखी क्या वो राजनितिक दबाव में है तभी ये पेपर बार-बार लीक होते है या फिर उनकी कार्य शैली ठीक नहीं है, अगर ऐसा है तो वो अब तक इस पद पर क्यों है ? क्या उनसे पूछताछ नहीं होनी चाहिए? कोई इन्क्वारी नहीं होनी चाहिए? ज़िम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए? कब होगी कार्यवाही असल गुनहगारों पर? अभ्यर्थियों, युवाओं के सपनो के साथ खिलवाड़ कब बंद होगा?  कब तक चलेगा युवाओं के भविष्य और उनके करियर, उनके सपनो के साथ खिलवाड़ और कब तक भुगतान करेंगे अपने पैसे और समय से सरकार व कमीशन की नाकामियों का, जब कसूर आवेदकों का नहीं तो सज़ा वो क्यूँ भुगतें? जवाब कौन देगा ? )

कल हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा पर भी पेपर लीक माफिया की नजर लग गई है। कोरोना के चलते लंबे अंतराल से स्थगित चल रही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की भर्ती परीक्षाएं शनिवार को शुरू हो गईं, लेकिन पहले ही दिन पुरुष कांस्टेबल की परीक्षा का पेपर लीक हो गया। कैथल में तीन पेपर साल्वर पकड़े गए, जिनके पास आंसर-की भी बरामद हुई। इसके बाद एचएसएससी ने शनिवार को दो सत्रों में आयोजित परीक्षा के साथ ही रविवार को होने वाली कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा भी रद कर दी।
हरियाणा में नकल माफिया पूरी तरह नौकरी एवं अकादमिक परीक्षाओं पर हावी है। पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट), क्लर्क, एक्साइज इंस्पेक्टर, एचसीएस ज्यूडिशियल, कंडक्टर, पटवारी, नायब तहसीलदार, आइटीआइ इंस्पेक्टर, बिजली बोर्ड और ग्राम सचिव की भर्ती परीक्षा सहित करीब तीन दर्जन परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। इसी कड़ी में कल पुलिस कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया।
एग्जाम कंडक्ट करवाने की सारी ज़िम्मेदारी कमीशन की है व कमीशन में भी चिन्हित करें तो सेक्रेटरी की जिम्मेवारी एक स्थायी कार्यकारी के तौर पर होती है मगर जब-जब भी पेपर लीक हुए हैं हमने सेक्रेटरी का कोई बयान या जिम्मेवारी नहीं देखी क्या वो राजनितिक दबाव में है तभी ये पेपर बार-बार लीक होते है या फिर उनकी कार्य शैली ठीक नहीं है, अगर ऐसा है तो वो अब तक इस पद पर क्यों है ?
ऐसा कैसे हो सकता है कि हर एग्जाम लीक हो, हर एग्जाम के प्रश्नपत्र व आंसर-की में गड़बड़ी हों, और  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) सेक्रेटरी से कोई जवाब तलब न हो.. कोई आंच न आये, कुछ पूछा न जाए?? इतने बड़े लेवल पर पेपर लीक, स्टेट एक्सचेकर व युवाओं का इतना पैसा व समय बर्बाद और वो भी एक बार नहीं बार बार हो रहा हो लेकिन हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) सेक्रेटरी फिर भी अपने पद पर क़ायम हों... कैसे? क्या उनसे पूछताछ नहीं होनी चाहिए? कोई इन्क्वारी नहीं होनी चाहिए? ज़िम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए?
हर बार 10-15 लोगों को पकड़ा जाता है, फिर छोड़ दिया जाता हैं. 2015 से अब तक जो भी ऑनलाइन पेपर हुए सब आउट हुए हैं, कभी पेपर आउट हुआ तो नक़ल जरूर हुई, बिजली विभाग में हाल ही में ज्वाइन किये एo एलo एम0 जिनकी मैरिट 97 प्रतिशत  रही थी; क्या वो बिना पेपर आऊट थी? इसकी जाँच हो जाये तो सब को पता चले की, ये पेपर भी आऊट था और आऊट करने वाले नौकरी भी ज्वाइन कर गये.क्या ये सब सरकारी अफसरों एवं आलाकमान के लोगों की मिलीभगत हैं? बाकी  पेपर आउट कराओ, हम आपके साथ हैं, इसी नीति के साथ काम होता है. 12 घंटे पहले जब पता था कि पेपर लीक हो गया है..फिर भी दोनों सत्र के पेपर लिए गए..? क्या ये सब मामले को दबाने की साजिश थी या वास्तव में बड़ी कार्रवाई के लिए जाल बिछाया गया था?
पहली बात  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की अपनी एग्जाम कमेंटी नहीं है, तभी एग्जाम का पैटर्न सही से तैयार नहीं होता. कहीं से भी कुछ भी पूछ लिया जाता और अभ्यर्थी तैयारी क्रिकेट मैच की करते है लेकिन खेलना फ़ुटबाल पड़ता है, सोचिये ? फिर एक एग्जाम कंडक्ट करने के लिए प्रॉपर मैन पावर नहीं है, ज़ब एग्जाम होते है तभी ये लोग बायोमेट्रिक के लिए इधर-उधर से स्टाफ को एकत्रित करते है..पूरा पुलिस प्रबंधन नहीं करते.  क्यों ना सिविल सर्विस की तरह एक प्रॉपर चेंनेल तैयार किया जाये और एक ही शिफ्ट में पेपर लिया जाये.

Popular posts from this blog

भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा-गादरे

मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये  महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है ! हिं

समाजवादी पार्टी द्वारा एक बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन

 महेश्वरी देवी की रिपोर्ट  खबर बहेड़ी से  है, आज दिनांक 31 मार्च 2024 को समाजवादी पार्टी द्वारा एक बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन मधुर मिलन बारात घर बहेड़ी में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि लोकसभा पीलीभीत प्रत्याशी  भगवत सरन गंगवार   रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव स्टार प्रचारक विधायक (पूर्व मंत्री )  अताउर रहमान  ने की , कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  अता उर रहमान  ने कहा की प्रदेश में महंगाई बेरोजगारी चरम पर है और किसान बेतहाशा परेशान है उनके गन्ने का भुगतान समय पर न होने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने मुस्लिम भाइयों को संबोधित करते हुए कहा की सभी लोग एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हटाकर एक सुशासन वाली सरकार (इंडिया गठबंधन की सरकार) बनाने का काम करें और भगवत सरन गंगवार को बहेड़ी विधानसभा से भारी मतों से जिताकर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करें | रहमान जी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को वोट डलवाने का काम करें और यहां से भगवत सरन गंगवार को भ

ज़मीनी विवाद में पत्रकार पर 10 लाख रंगदारी का झूठे मुकदमें के विरुद्ध एस एस पी से लगाई जाचं की गुहार

हम करेंगे समाधान" के लिए बरेली से रफी मंसूरी की रिपोर्ट बरेली :- यह कोई नया मामला नहीं है पत्रकारों पर आरोप लगना एक परपंरा सी बन चुकी है कभी राजनैतिक दबाव या पत्रकारों की आपस की खटास के चलते इस तरह के फर्जी मुकदमों मे पत्रकार दागदार और भेंट चढ़ते रहें हैं।  ताजा मामला   बरेली के  किला क्षेत्र के रहने वाले सलमान खान पत्रकार का है जो विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़े हैं उन पर रंगदारी मांगने का मुक़दमा दर्ज कर दिया गया है। इस तरह के बिना जाचं करें फर्जी मुकदमों से तो साफ ज़ाहिर हो रहा है कि चौथा स्तंभ कहें जाने वाले पत्रकारों का वजूद बेबुनियाद और सिर्फ नाम का रह गया है यही वजह है भूमाफियाओं से अपनी ज़मीन बचाने के लिए एक पत्रकार व दो अन्य प्लाटों के मालिकों को दबाव में लेने के लिए फर्जी रगंदारी के मुकदमे मे फसांकर ज़मीन हड़पने का मामला बरेली के थाना बारादरी से सामने आया हैं बताते चले कि बरेली के  किला क्षेत्र के रहने वाले सलमान खान के मुताबिक उनका एक प्लाट थाना बारादरी क्षेत्र के रोहली टोला मे हैं उन्हीं के प्लाट के बराबर इमरान व नयाब खां उर्फ निम्मा का भी प्लाट हैं इसी प्लाट के बिल्कुल सामन