गोदी मीडिया पर देशद्रोही का मुकदमा होना चाहिए और 85% मूल निवासियों को ऐसे अखबार और चैनलों का बहिष्कार करना चाहिए- गादरे
(9 अक्टूबर 2021को लखनऊ चलो किसानों पिछडो अतिपिछडो मजलूमों पसमांदा अल्पसंख्यक समुदाय अनुसूचित जाति जन जाति आदिवासी के सम्मान में बहुजन मुक्ति पार्टी मैदान में)
देवबंद/सहारनपुर;- तथाकथित गोदी मीडिया या समाज को गलत दिशा देने वाले मीडिया पर देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए और 85% मूल निवासियों को ऐसे अखबार और चैनलों का बहिष्कार करना चाहिए।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी के सहारनपुर दौरे के दौरान देवबंद में बरला रोड पर एक जनजागृति सभा के दौरान आर डी गादरे ने पत्रकार को बताया की आज जो देश के हालात हैं उसमें बड़ा योगदान चौथे स्तंभ यानी मीडिया का है जो आज सच्ची खबरें जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं। कुछ षडयन्त्रकारी देश को गुमराह करने की साजिशों में देश के गद्दारों और देश के दुश्मनों के साथ मिलकर गलत दिशा देने का काम कर रहे हैं। ऐसे पत्रकारों पर और चैनलों पर अखबारों पर जो भी मीडिया इस तरीका का काम करते हैं उन पर देशद्रोह का मुकदमा कायम होना चाहिए।
राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत ही मैं आव्हान करता हूं 85% मूल निवासियों से कि वह उनका बहिष्कार करें और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे को सबक सिखाने के लिए इनको देखना और सुनना और पढ़ना बंद कर देना चाहिए पूर्ण तरह से बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में चौथे स्तंभ की मान्यता देश को बनाने और खड़ा करने में अहम भूमिका अदा होती है लेकिन आज जो माहौल सांप्रदायिक सौहार्द बनाने का है। लेकिन प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मिलकर देश के मूल निवासियों और राष्ट्र के साथ गद्दारी करने का काम कर रहे हैं। क्योंकि जो सच्ची खबरें समाज तक पहुंचने चाहिए तो वह गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं क्या तो उन्हें सुधार लाना चाहिए अन्यथा उनका पूर्ण तरह से राष्ट्रद्रोह का मुकदमा लगाकर बहिष्कार करना चाहिए।
रही बात भारत देश की भारत देश को हिंदुस्तान कहने वालों पर भी शिकंजा कसा जाना चाहिए क्योंकि यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र जनता का राज होता है जनता के लिए होता है जनता के द्वारा होता है लेकिन भारत देश में ईवीएम मशीन से जो घोटाले हो रहे हैं उसको जनजागृति करने के लिए बहुजन मुक्ति पार्टी का बड़ा संदेश है और आने वाली 9 अक्टूबर को बहुजन मुक्ति पार्टी का साथ सहयोग देने के लिए बाबा भीमराव अंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए 9 अक्टूबर माननीय काशीराम जननायक के सम्मान में उनके जन्मदिवस पर बहुजन क्रांति मोर्चा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के आंदोलन में किसानों को मजदूरों को परेशान हाल को समस्त देश प्रेमियों को राष्ट्रहित में उस रैली में पहुंचना चाहिए क्योंकि बहुजनों की जो बात करेगा वही देश पर राज करेगा लेकिन बहुजनों को बरगलाने के लिए आज तमाम राजनीतिक दल सामाजिक संगठन लगे हुए हैं और देश को बर्बादी के कगार पर लाकर छोड़ दिया है। आज किसान मजदूर सब परेशान हाल है किसानों की हालत सड़कों पर उतरी हुई है और निरंकुश शासन कुछ फासीवादी विचारधारा के लोग काविज हुए हैं। यह परिवर्तन लाना होगा। जिससे महंगाई बेरोजगारी निजी कारण किसानों की मजदूरों की समस्याएं हल हो सके तो मैं यही कहना चाहता हूं कि लखनऊ चलो माननीय काशीराम साहब के जन्मदिवस पर बहुजन समाज मुस्लिम सिख बौद्ध लिंगायत ईसाई जो भी समानता वाले मजहब है। इंसानियत और मानवता के लिए कार्यरत हैं। उनको रमाबाई पार्क में पहुंचना चाहिए। लोकतंत्र बचाने में सहयोग करना चाहिए।
हिन्दू मुस्लिम की राजनीति का प्लेटफॉर्म तैयार करने वाले लोग दोनों तरफ हैं। रही बात मुसलमानो के कट्टरपंथी होने का मुसलमान कट्टरपंथी नहीं होते, ये अफवाह भी राष्ट्र द्रोही लोगों द्वारा फैलाया गया है।
अच्छे बुरे लोग सभी धर्मों में होते हैं?
हाँ इसका प्रतिशत कम ज्यादा हो सकता है। धर्म कोई भी शोषक वर्ग का हथियार है लेकिन आज लोकतंत्र और संविधान को खतरा हिंदू वादी तत्वों से है। मुस्लिम समुदाय में शिक्षा का स्तर कमजोर है जबकि प्रथम शिक्षा मंत्री भी मुस्लिम थे।उनकी हालत शोषित से बदतर जैसी हो गई है। जो कुछ समस्याएं आपको मुस्लिम समुदाय में दिखती है उसका कारण इस्लाम नहीं है। गरीबी और निरक्षरता है। मुस्लिम समुदाय में ज्यादातर धर्म परिवर्तित लोग हैं जो गरीब थे या निचली जातियां कहलाने वाले लोग थे। धनी मुस्लिम ज्यादातर विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए। एस सी एस टी ओ बी सी अल्पसंख्यक समुदाय सबको 9 अक्टूबर को मा कांशीराम साहिब के मिशन भारत व्यवस्था कायम करने हेतु जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी दिलाने के लिए लखनऊ माता रमाबाई पार्क पहुंचना चाहिए।
बैठक में मौलाना शाहनवाज अली धर्मवीर भारती राहुल गौतम अब्दुल रशीद राजुद्दीन सैफी अमान खान मुस्तफा ओमकार नाथ कुशवाहा मौलाना अस्जाद मोहम्मद अब्दुल्ला रविन्द्र राना राजेन्द्र यादव प्रेम मदनलाल ढींगरा आदि मौजूद रहे।