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बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का एकमात्र हल है एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम- मनीष सिसोदिया*

 *नई दिल्ली, 06 सितंबर, 2021केजरीवाल सरकार छात्रों में उद्यमी बनने के गुण विकसित करेगी। सरकारी स्कूलों में मंगलवार को एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम‌ लॉन्च किया जाएगा। केजरीवाल सरकार के स्कूलों में 11वीं-12वीं के हर बच्चे को 2 हजार रुपए सीड मनी दी जाएगी। दिल्ली में करीब 3.5 लाख छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। पायलट फेज में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम काफी सफल रहा है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। केवल राह दिखाने मात्र से वे एक सफल एंटरप्रेन्योर बन सकते हैं। सिसोदिया ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी की जो समस्या है उसका एकमात्र उपाय एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम है।  दिल्ली के बच्चे एंट्रेप्रेंयूरिअल माइंडसेट के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब सीकर के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनकर इस समस्या को दूर करेंगे।







उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 2019 में दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की थी। इसके पीछे मकसद था कि स्कूलों और कॉलेजों से पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र इस मानसिकता से बाहर निकले कि उन्हें जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनना है। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देना है। यदि वे जॉब करने जाएं तो उनमे इतनी योग्यता हो की उन्हें नौकरी की लाइन में न लगना पड़े बल्कि नौकरी उनके पास आए। इसके बाद पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर में बिज़नेस ब्लास्टरर्स प्रोग्राम शुरू हुआ। इसका मकसद बच्चों में ये विश्वास जगाना था कि वे जो भी काम करे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट के साथ करें। इसमें 41 बच्चों के 9 ग्रुप बने और हर बच्चे को 1-1 हज़ार रूपये की सीड मनी दी गई और इन बच्चों ने जमकर मुनाफा कमाया। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लोग बेरोजगारी का समाधान राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर खोजते हैं कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध करवाई जाएं। लेकिन मेरा मानना है कि यदि सभी जॉब सीकर के रूप में निकलेंगे तो जॉब प्रोवाइडर कौन बनेगा। ईएमसी बेरोजगारी की इस समस्या का समाधान बनेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के द्वारा ये सन्देश पूरे देश में जाएगा कि बेरोजगारी को खत्म करने व अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का समाधान केवल ईएमसी है। जिसे पूरे देश के सभी स्कूलों में अपनाने की ज़रूरत है।एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की विशेषताओं पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमसी का सबसे महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट सीड मनी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बच्चों को निवेश करने, उनके अंदर से बिजनेस शुरू करने का डर निकालने और प्रॉफिट कमाने के लिए तैयार करना है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि यदि वे प्रॉफिट नहीं भी कमाते हैं तो वे अपने फेलियर का सामना करना सीखें। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण इस प्रोजेक्ट में कई अड़चने आयीं लेकिन जनवरी में स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर के एक स्कूल में इसका पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया। यहां बच्चों ने 9 ग्रुप बनाए और अपने विभिन्न प्रोजेक्ट्स में निवेश करना शुरू किया। आज ये सभी प्रोजेक्ट प्रॉफिट में चल रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईएमसी के बिज़नस ब्लास्टरर्स प्रोजेक्ट के द्वारा हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 2000-2000 रुपयों की सीड मनी देंगे। इस सीड मनी से बच्चे बिज़नेस आइडियाज सोच सकेंगे और उसे आगे बढ़ा सकेंगे। इससे बच्चों में आत्म-विश्वास आएगा। मेरा मानना है कि ईएमसी से सीखने के बाद जॉब सीकर नहीं बनेंगे। वह या तो वो खुद का कुछ व्यवसाय शुरू करेंगे या फिर उनके अंदर इतना टैलेंट और स्किल्स होगी कि जॉब खुद उनके पीछे आएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 सालों में हमने दिल्ली के स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाया है। अपने शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा। हमारे स्कूलों के रिजल्ट इतने शानदार आने लगे हैं, लेकिन ये सब असल उपलब्धि नहीं है। हमारे लिए असल सफलता तब होगी जब हमारे बच्चे एक एंट्रेप्रेंयूरिअल माइंडसेट के साथ आगे बढ़ेंगे।

सिसोदिया ने कहा कि ईएमसी से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में एक क्रन्तिकारी बदलाव आएगा। हम अपने स्कूलों-कॉलेजों में बच्चों को डिग्री तो दे रहे हैं लेकिन उनमे एंट्रेप्रेंयूरिअल माइंडसेट नहीं विकसित कर रहे है। उन्होंने साझा किया कि स्कूलों के विजिट के दौरान वे जब बच्चों से उनके भविष्य के लिए पूछते है तो 99‌ फ़ीसदी बच्चे बोलते हैं की वे पढ़ाई के बाद जॉब करना चाहते हैं। अब सवाल ये उठता है की यदि सभी जॉब सीकर बनेंगे तो जॉब प्रोवाइडर कौन बनेगा। ईएमसी इस सवाल के जबाव के रूप में है। इससे बच्चों में कॉन्फिडेंस आएगा और वे जॉब प्रोवाइडर बनकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देंगे| 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद बच्चों ने अपने अनुभव भी साझा किए। एक छात्र ने कहा कि हमें इस प्रोजेक्ट से ये सीखने को मिला कि असफल होने का तब तक कोई खास मतलब नहीं है जब तक कि आप हार नहीं मान जाते हैं। अगर आप अपने धुन में लगे रहते हैं तो असफलता से सिर्फ सीखते हैं। एक वक्त आता है जब आप सफल बनकर  निकलते हैं।

*स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर में पायलट फेज में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत शुरू किए गए प्रोजेक्ट्स*

*डिवाइन क्रिएशन:-* इस प्रोजेक्ट में 2 बच्चे शामिल थे जिन्हें 2000 रूपये की सीड मनी दी गई| अबतक ये बच्चे भारत के सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले हैण्ड मेड पेंटिंग्स को बीच कर *24,750* रुपयों का मुनाफा कमा चुके है| ये बच्चे भविष्य में अपना बिजनेस शुरू करने की तैयारी में है| 

*मोबीसाईट:-* इस प्रोजेक्ट में 8 बच्चे शामिल थे जिन्हें 8000 रूपये की सीड मनी दी गई| ये बच्चे रीफर्बिश्ड मोबाइल फोन को ठीक करवा उन्हें बीच कर अबतक *21,960* रुपयों का मुनाफा कमा चुके है| ये बच्चे इस पायलट प्रोजेक्ट से मिले नॉलेज और अनुभव के आधार पर अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

*टैप एंड ड्रा:-* इस प्रोजेक्ट में 5 बच्चे शामिल थे जिन्हें 5000 रूपये की सीड मनी दी गई| इस प्रोजेक्ट में बच्चों ने  पेंट और स्केच से लोगों के स्केच बनाकर बेचे और अबतक *11,480* रूपये का मुनाफा कमाया है| 

*होम 2 क्रिएशन:-* इस प्रोजेक्ट में 2 बच्चे शामिल थे जिन्हें 2000 रूपये की सीड मनी दी गई| ये बच्चे वेस्ट-मैटेरिअल से शानदार हेंडीक्राफ्ट बनाकर बेचते है| ये अबतक *9,580* रुपयों का प्रॉफिट कमा चुके है|  ये बच्चे अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं और मार्केटिंग रणनीति पर अलग तरह से काम करना चाहते हैं। वे समय की आवश्यकता को पहचानने और उस पर अपने व्यवसाय को आधार बनाने के लिए तैयार हैं।

*लोनाल्ट्स:-* इस प्रोजेक्ट में 5 बच्चे शामिल थे जिन्हें 5000 रूपये की सीड मनी दी गई| इस प्रोजेक्ट के द्वारा ये बच्चे लोगों को कम कीमतों पर ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म और कुछ विशेष एजुकेशनल प्लेटफ़ॉर्म का सब्सक्रिप्शन उपलब्ध करवाते है| ताकि सभी लोग कम कीमतों पर इनका आनंद उठा सके| इन बच्चों ने अबतक *6,950* रूपये का प्रॉफिट कमाया है| ये छात्र बिटकॉइन और स्टॉक जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह भविष्य है|  उन्होंने शुरुआत में 900 रुपये का निवेश किया जो बढ़कर 1300 रुपये हो चुका है। छात्र टेक और कैशलेस बाजार में रुचि रखते हैं इसलिए वे अधिक सीखना चाहते हैं और इसमें उनके मेंटर उनकी मदद कर रहे हैं।

*इंक फैमिली:-* प्रोजेक्ट में 9 बच्चे शामिल थे जिन्हें 9000 रूपये की सीड मनी दी गई| ये बच्चे टी-शर्ट, मग, मास्क, की-चेन आदि पर पर्सनलाइज्ड प्रिंटिंग कर उन्हें आगे बेचते है| ये अबतक *3,830* रुपयों का प्रॉफिट कम चुके है| ये छात्र अपने प्रॉफिट का उपयोग किताबें खरीदने में करना चाहते हैं। और पढ़ाई पूरी होने के बाद वे अपने इस बिजनेस को बढ़ाने पर काम करना चाहते हैं।

*हेबी नेचुरल्स;-* प्रोजेक्ट में 3 बच्चे शामिल थे जिन्हें 3000 रूपये की सीड मनी दी गई| ये बच्चे उच्च गुणवत्ता वाली खाद बनाकर बीच रहे है| इनका उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल करने और सस्टेनेबल दुनिया बनाने में अपना योगदान देना है| इन बच्चों ने अबतक *3,580* रुपयों का प्रॉफिट कमाया है| ये छात्र अपने प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने के लिए बेहतर योजना बना रहे हैं। वे बाजार की जरूरत पर काम करना चाहते हैं और बाज़ार की जरूरत को पूरा करने वाला उत्पाद मुहैया कराना चाहते हैं।

*क्राफ्ट कॉटेज:-* इस प्रोजेक्ट में 2 बच्चे शामिल थे जिन्हें 2000 रूपये की सीड मनी दी गई|  इन बच्चों  ने अपनी सीड-मनी से यूनिक डिज़ाइन वाले आर्टिफीसियल और हैण्ड-मेड ज्वेलरी बेचने का काम शुरू किया और अबतक *1,865* रुपयों का प्रॉफिट कमा चुके है| ये छात्र सपने प्रॉफिट से अपने ट्यूशन फीस के खर्चा खुद  निकालना चाहते है|  और अन्य संगठनों से स्टार्ट-अप लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते है| 

*स्पीकस्टर्स:- प्रोजेक्ट में 5 बच्चे शामिल है जिन्हें 5000 रूपये की सीड-मनी दी गई| ये कम कीमतों पर अच्छी क्वालिटी के ब्लूटूथ स्पीकर बनाकर उन्हें बेचते है| ये अबतक *650* रुपयों का प्रॉफिट कम चुके है| ये बच्चे नए और एडवांस ब्लूटूथ बना कर अपने बिज़नस को गति देना चाहते है|

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