तीनों दलों पर लगाया मुस्लिमों को डिस्पोजल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप
सरधना (मेरठ) सपा बसपा व कांग्रेस ने मुसलमानों को डिस्पोजल बना कर रख दिया है। इस्तेमाल करो और फेंक दो मौका आने पर तीनों ही पार्टियों ने मुसलमानों को गुमराह कर उनका इस्तेमाल किया और अपने आप को सत्ता तक पहुंचाया। सांप्रदायिक दंगों के दौरान तीनों ही पार्टियों के शासनकाल में मुस्लिमों पर जुल्म हुए हैं । सपा शासनकाल में मुजफ्फरनगर का कवाल कांड किसी से छुपा नहीं है लाखों मुसलमान आज भी बेघर है । उक्त बातें ऑल इंडिया मजलिश-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट फईम चौधरी ने सरधना में मोहल्ला कमरानवाबान स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं । उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में आजम खान का हमेशा अहम रोल रहा लेकिन जब उन पर मुसीबत आई तो समाजवादी पार्टी खामोश रही ।
इससे साफ जाहिर है कि सपा का मुस्लिम प्रेम सिर्फ धोखा है । अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए किसी भी पार्टी ने कुछ नहीं किया। एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष फईम चौधरी ने कहा कि गैर-भाजपा दल खुद को एक बड़ा हिंदू साबित करने के लिए भगवा दलों के साथ दौड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसपा और सपा ने मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा जिसमे अंदरूनी तौर पर कांग्रेस भी उनके साथ रही । सपा बसपा ने 75 प्रतिशत मुस्लिम वोट हासिल किए, वहीं मोदी के नेतृत्व में भाजपा को 71 प्रतिशत वोट मिले तब भी दोनों दल उन्हें सरकार बनाने से नहीं रोक पायें। दोनों पार्टियों के नेता एक दुष्प्रचार करने का काम करते हैं वह बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का एजेंट बताते हैं। अपनी हार का ठीकरा हमारी पार्टी पर फोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के मुखिया बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज अगर किसी भी देशवासी पर जुल्म होता है वह चाहे हिंदू हो या मुसलमान सिख हो या इसाई उसकी आवाज बुलंद करने वाले लड़ाई लड़ने वाले पहले शख्स असदुद्दीन ओवैसी हैं।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों की समस्यायें तभी हल होंगी जब उनका नेता होगा। दो प्रतिशत वाले लोगों की पहचान है उन्हें सत्ता में भागीदारी दी जाती है। लेकिन 19 प्रतिशत जनसंख्या वाले मुस्लिमो का हर पार्टी सिर्फ अपने मुफाद के लिए इस्तेमाल करने में लगी हुई है। अब जरूरत है अपना सही रहबर चुनकर अपना हक पाने की जिसके लिए ऑल इंडिया मजलिश ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 135 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें प्रत्याशी की हार जीत का फैसला मुस्लिमों की वोट से होता है। इस अवसर पर विभिन्न दलों से अपना नाता तोड़ कर काफी लोग ऑल इंडिया मजलिश ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी में शामिल हुए हैं। कांग्रेस छोड़कर सैयाद राणा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ एआईएमआईएम का दामन थामा । एआईएमआईएम के पदाधिकारियों ने सभी का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। इस दौरान सैयाद राणा को जिला मुख्य सचिव, अशरफ राणा को सरधना विधानसभा क्षेत्र का अध्यक्ष, हाजी शमशाद मलिक को जिला सचिव, डॉक्टर वली उर रहमान को सरधना नगर अध्यक्ष बनाया गया है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी उम्मीद उर रहमान ने की तथा संचालन मौलाना आरिफ ने किया । इस अवसर पर पूर्व सभासद माशूक अली, एडवोकेट सैयद आरिफ अली, कारी अब्दुर रहमान, डॉक्टर अतीक उर रहमान, सिराजुद्दीन मलिक, शादाब कामिल, खालिद मलिक, नवाब मलिक, इमामुद्दीन अंसारी, हाफिज उम्मेद, हाफिज इसरार, सरफराज त्यागी, आदि शामिल रहे।