Skip to main content

आज का मज़मून अहले नज़र के हवाले, 27.4.22 *‘भारत के मुसलमान नस्ल कुशी के आख़िरी पड़ाव पर आ गए हैं’*

*(मुसलमानों के पास ईमान की वो क़ुव्वत मौजूद है जो इन्हें मैदाने-जंग में ग़ाज़ी बना देती है)*

*कलीमुल हफ़ीज़*

*संयुक्त राष्ट्र में सलाहकार की हैसियत रखनेवाला संगठन "जस्टिस फ़ॉर ऑल" की ओर से होनेवाली वर्चुअल अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए प्रोफ़ेसर ग्रेगोरी स्टेन्टिन ने कहा कि भारत नस्ल-कुशी के आठवें मरहले में दाख़िल हो चुका है और मुस्लिम कम्युनिटी का मुकम्मल सफ़ाया सिर्फ़ एक क़दम दूर रह गया है।*

*प्रोफ़ेसर ग्रेगरी स्टेन्टिन अमरीकी संगठन "जेनोसाइड वाच" के फ़ाउंडर हैं। यह संगठन नस्ल-कुशी और बड़े पैमाने पर क़त्ल की दूसरी शक्लों की भविष्यवाणी और रोकथाम के लिये काम करता है। प्रोफ़ेसर साहब की इस रिसर्च की रौशनी में हमें उन दस मरहलों को समझना चाहिये जो नस्ल कुशी के बारे में हैं।*

*सबसे पहला मरहला नागरिकों की दर्जाबन्दी (Classification) है। बहुसंख्यक ख़ुद को एक दर्जे में रखते हैं और अल्पसंख्यकों को दूसरे दर्जे में रखते हैं। प्रोफ़ेसर के शब्दों में "उन्हें और हम" में इन्सानों को बाँट दिया जाता है। ये सबसे पहला क़दम है जो ग़ैरियत और अजनबियत का एहसास दिलाने के लिये उठाया जाता है। आम तौर पर हम घर में भी जब किसी को नज़र-अन्दाज़ करते हैं तो उसका नाम लेने या रिश्ते के नाम से पुकारने के बजाय "उसे या उन्हें" कहकर बुलाते हैं।*

*दूसरा मरहला प्रतीकीकरण (Symbolization) है। इसका मतलब ये है कि जिस क़ौम की नस्ल-कुशी की जानी है उसके प्रतीक पहले मिटाए जाते हैं। उसके नाम से बने शहरों के नाम बदले जाते हैं, उसके बाप-दादों के ज़रिए बनाई गई इमारतों को गिरा दिया जाता है। उसके मज़हबी प्रतीकों (Symbols) का अपमान किया जाता है। उसके पहनने-ओढ़ने और रहन-सहन के तौर-तरीक़ों पर ताने कसे जाते हैं। दूसरी तरफ़ ज़ालिम गिरोह अपने प्रतीकों को अपनाने पर मजबूर करता है।*

*नस्ल-कुशी के रास्ते में तीसरा मरहला पक्षपात और भेदभाव (Discrimination) से भरा सुलूक है। ये भेदभाव भरा सुलूक हर मैदान में होता है। सरकारी नौकरियों से लेकर दुकान से सामान ख़रीदने तक यह कोशिश की जाती है कि बहुसंख्यक से दूर ही रहे।*

*चौथा पड़ाव ग़ैर-इन्सानी सुलूक (Dehumanization) है। जब टार्गेटेड क़ौम के लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक किया जाता है। उनको ऐसी नीचता से देखा जाता है जैसे कि ये इन्सान ही न हों। इनकी लिंचिंग की जाती है। इनका अपमान किया जाता है।*

 *नस्ल-कुशी की पाँचवीं मंज़िल संगठन (Organization) है। इसलिये कि नस्ल-कुशी के लिये संगठन बहुत ज़रूरी है। बग़ैर संगठन के किसी क़ौम को नहीं कुचला जा सकता। ये संगठन पूरे देश में अपनी प्लानिंग के मुताबिक़ हर मरहले को अंजाम देते हैं।*

 छटा मरहला पोलराईज़ेशन (Polarization) है। जब संगठन अपने ग्रुप को दुश्मन क़ौम के लिये संगठित करती है। हर वक़्त ऐसे इशूज़ उठाती है कि बहुसंख्यक अल्पसंख्यक की दुश्मन बनी रहे। दुश्मनी और पक्की होती रहे। दूरियाँ हर दिन बढ़ती रहें। 

सातवाँ क़दम तैयारी (Preparation) है। इसके तहत नस्ल-कुशी की तैयारी की जाती है। हथियार बनाने से लेकर चलाने तक की तरबियत दी जाती है। क़ानूनी तौर पर पूरी क़ौम को बाग़ी और ग़द्दार बनाया जाता है ताकि नस्ल-कुशी को जायज़ क़रार दिया जा सके।

 आठवें मरहले में ज़लील करना और तकलीफ़ पहुँचाना (Persecution) है। हर तरह से विरोधी दल को डराया और धमकाया जाता है। कभी अपनी बड़ी आबादी का डर दिलाया जाता है। कभी अपने त्योहारों पर हथियारों की पूजा करके आतंकित किया जाता है। कभी सभाओं और जुलूस के साथ परेशान किया जाता है। भड़काऊ भाषणों और नारों से तकलीफ़ पहुँचाई जाती है। धर्म संसद में नरसंहार की धमकियाँ दी जाती हैं। इस्लामी संस्कारों पर गंदे और भद्दे कमेंट किये जाते हैं। 

नवां मरहला तबाही (Extermination) है। इस मरहले पर विरोधी दल को तबाह व बर्बाद करने के सारे हथकंडे इस्तेमाल किये जाते हैं और नफ़रत पैदा करके और अपनी क़ौम को उकसा कर जानी और माली नुक़सान पहुँचाया जाता है। ये तबाही जनसंहार को अंजाम तक पहुंचा देती है। 

आख़री और दसवाँ मरहला इंकार (Denial) है। जिसमें नस्ल-कुशी करने वाला गिरोह अपने जुर्म का इनकार कर देता है। वो अपने कामों को जुर्म मानता ही नहीं। वो नरसंहार को देश के लिये ज़रूरी बताता है। उसे कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती। 

ये हैं वो दस मराहले जो प्रोफ़ेसर ग्रेगरी स्टेंटिन ने अपनी रिसर्च में पेश किये हैं, जब हम अपने देश भारत में इन मरहलों पर विचार करते हैं तो ख़ुद को आख़िरी पड़ाव पर पाते हैं।

Popular posts from this blog

थाना अमरिया पुलिस द्वारा 04 अभियुक्तों को 68 किलोग्राम डोडा पोस्ता व डोडा चूरा सहित किया गिरफ्तार

 पीलीभीत के थाना अमरिया में आज दिनांक 05.09.2022 को थाना अमरिया जनपद पीलीभीत पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु जनपद पीलीभीत के निर्देशन में व  अपर पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद पीलीभीत व क्षेत्राधिकारी सदर महोदय जनपद पीलीभीत के कुशल नेतृत्व में अपराधियों के विरुद्ध जनपद में मादक पदार्थ व जहरीली शराब की तस्करी व रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत  थाना अमरिया पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तगणों 1.महेश कुमार गुप्ता पुत्र ओमप्रकाश निवासी कस्बा व थाना अमरिया जनपद पीलीभीत व  2.रवि गुप्ता पुत्र महेश गुप्ता निवासी कस्बा व थाना अमरिया जनपद पीलीभीत को उनके घर के पास से गिरफ्तार किया गया तथा इनके कब्जे से मादक पदार्थ 31 किलोग्राम ( डोडा पोस्ता व डोडा चूरा ) बरामद हुआ गिरफ्तार किए गये अभियुक्तगणों से गहनता से पूछताछ के दौरान उन्होनों बरामद मादक पदार्थों को  अभियुक्त प्रमोद गुप्ता पुत्र मटरु लाल निवासी ग्राम देवचरा थाना भमौरा जनपद बरेली व अभियुक्त विनोद कुमार गुप्ता पुत्र मटरु लाल निवासी ग्राम देवचरा थाना भमौरा जनपद बरेली से खरीद कर लाना बताया इस पूछताछ के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त प्रमोद

पीलीभीत की तहसील अमरिया में डीआई ने मारा छापा 15 दिन के लिए मेडिकल बंद करने का दिया आदेश|

हम करेंगे समाधान के लिए अमरिया से आमिर मलिक की रिपोर्ट,  पीलीभीत की तहसील अमरिया में डीआई ने आवेश ने मारा छापा जिसमें 15 दिन के लिए मेडिकल बंद करने का आदेश दिया आज दिनांक 14 सितम्बर 2022 को मै औषधि निरीक्षक पीलीभीत श्रीमती नेहा वैश अपरान्ह लगभग 04:50 बजे पुलिस बल थाना अमरिया के सहयोग से औचक निरीक्षण की कार्यवाही की गई, जिस दौरान हेल्थ केयर मेडिकल स्टोर, थाना व तहसील अमरिया, का औचक निरीक्षण कर दवा भंडारण, क्रय विक्रय से सम्बन्धित बिल आदि अनियमितताये पाये जाने पर तत्काल 15 कार्य दिवस के लिए लाईसेन्स निलम्बन की संस्तुति की गई,  कार्यवाही के दौरान एक अन्य दवा प्रतिष्ठान सीमा मेडिकल स्टोर, थाना व तहसील  अमरिया, जनपद पीलीभीत पर औचक निरीक्षण किया, मौके पर दवाओ का रखरखाव व प्राप्त अन्य अनियमितताओ मे सुधार हेतु चेतावनी दी व उक्त पर नियमानुसार कारण बताओ नोटिस के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी |

आज कुछ षड्यंत्रकारी राष्ट्र भक्त बनकर दोबारा से देश को गुलाम बनाने को ओ बी सी एस सी एस ए टी को गुमराह कर रहे हैं उनसे सावधान रहें- गादरे*

मेरठ:-अन्ग्रेजो से मुस्लिमो ने करीब 350 सालो तक आजादी लेने मे सबसे बड़ी लम्बी लडाई लडकर सबसे बड़ योगदान दिया जो आज कुछ षड्यंत्रकारी राष्ट्र भक्त बनकर दोबारा से देश को गुलाम बनाने के लिए ओ बी सी एस सी एस टी को गुमराह कर रहे हैं उनसे सावधान रहें। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर डी गादरे ने फ्लोरेंस इन्टरनेशनल एकेडेमी मे ध्वजारोहण किया। रोड रैली निकाली और ग्राम पंचली  गुजुर्ग मे मौलाना मुनववर आवास पर सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 75 साल मे भी आज ये आजादी झूठी है, देश की जनता भूखी। आज बेरोजगारी भुखमरी अत्याचार निजीकरण महंगाई खाने पीने के समान पर भी टेक्स देना पद रहा है। आज देश की जनता को आजादी के नाम पर लोकतंत्र खतरे में है। कितने सुबूत चाहिए कि वर्तमान सरकार मे निस्पक्छ न्याय की उम्मीद करना मुस्किल काम है। चंचल त्रिपाठी मंदिर में गोमांस रखवा दिया ताकि दंगे हो और थाना प्रभारी हट जाए.मुसलमानों के 3 मांस दुकान और लकड़ी के 17 खोखे जला दिए इसी बात पर हिंदुओं ने बेगुनाह मुस्लिमों को जेल में ठूंस दिया गया.मुंबई के विष्णु विभु भौमिक ने खुद को अफजल बताकर अम्बान