दिल्ली मजलिस भविष्य की रणनीति के शीर्षक पर मुशावरती इजलास से मजलिस अध्यक्ष का खि़ताब
प्रेस रिलीज़ 07-04-22 नई दिल्ली समाज की निस्वार्थ सेवा से ही जनता का दिल जीता जा सकता है। देश जिन परिस्थितियों से गुज़र रहा है इन परिस्थितियों का मजलिस के कार्यकर्ताओं को एक साथ मिलकर मुक़ाबला करना है कोई भी तबदीली रातोंरात नही आती इसके लिए एक लम्बा समय लगता है। यह विचार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्त्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने व्यक्त किए।
वह मजलिस दिल्ली के मुशावरती इजलास को संबोधित कर रहे थे। यह इजलास होटल रिवर व्यू, अबुल फ़ज़ल एन्कलेव में आयोजित किया गया था, जिसमे दिल्ली मजलिस के भविष्य की रणनीती के शीर्षक पर मशवरा किया गया। मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति और सत्ता का उद्देश्य जनता की सेवा होना चाहिए।मजलिस दिल्ली के स्तर पर तालीमी और फ़लाही काम अंजाम देगी। हुकूमत की गलत नीतियो के खिलाफ़ सड़कों पर भी उतरेगी। लेकिन कोई भी तबदीली नारों से नही लाई जा सकती। इसके लिए समाज की निस्वार्थ सेवा दरकार होती है जबतक जनता का दिल नहीं जीता जायेगा, जनता का समर्थन नही मिलेगा। मजलिस के हर कार्यकर्ता को अपने समाज के लिए लाभदायक बनना होगा। आज जो लोग सत्ता मे हैं वो भी एक लम्बे समय की कठोर मेहनत और समाजिक खि़दमत के ज़रिये ही यहा तक पहुंचे हैं।
मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि आज के लोकतंत्र की कमज़ोरी ये है कि आज सत्ता और विपक्ष दोनों एक ही संस्था के इशारे पर काम कर रहे हैं। आज RSS ही तय करती है कि किस राज्य में कौन जीतेगा और कौन विपक्ष का रोल अदा करेगा। ये भारतीय संविधान के लिए अच्छा संकेत नही है। इसका मुक़ाबला करने के लिए एक-दूसरे का साथ ज़रूरी है। समाज के न्याय-प्रिय लोग ख़ासतौर पर वंचित और दलित समाज को साथ लेकर संविधान को बचाया जा सकता है।
इजलास का प्रारंभ क़ासिम उस्मानी ने किया। सामाजिक खिदमत मे विभिन्न गोशों और संगठन विस्तार पर विचार किया गया और श्रोताओ ने मजलिस अध्यक्ष से संगठन को नये तरीके से दोबारा बनाने की गुज़ारिश की। इजलास मे महासचिव शाहआलम सिद्दीक़ी, संगठन सचिव अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी, दिल्ली मजलिस के सचिव राजीव रियाज, अनवर इक़बाल नक़वी, संयुक्त सचिव आक़िल कु़रैशी, ज़िला अध्यक्ष फ़िरोज़ मलिक, एन ए करीमी, मोहम्मद मंज़र के अलावा एडवोकेट रुख़सार अहमद, एडवोकेट बदरुद्दीन, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद आरिफ स़ैफ़ी, मनोज सोनकर, प्रो. आफ़ताब आलम, तौहीद आलम सिद्दीक़ी, फ़ख़रुद्दीन अंसारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
*प्रकाशन के लिए*
*अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी*
मीडिया प्रभारी मजलिस दिल्ली
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