मुसलमान" देश का, वो चारा है जिसे कांटे में फंसाकर षडयंत्रकारी भारत के Sc, St, Obc अल्पसंख्यको का शिकार करते है, Sc, St, Obc अल्पसंख्यक जितनी जल्दी जागो, नही तो सत्यानाश--गादरे
मेरठ:-मुसलमान देश का, वो चारा है जिसे कांटे में फंसाकर BJP-RSS के ब्राह्मण भारत के Sc, St, Obc का शिकार करते है, इस बात को देश का Sc, St, Obc जितनी जल्दी समझेगा, Sc, St, Obc के लिए उतना ही अच्छा होगा।
बहुजन मुक्ति पार्टी के क्रन्तिकारी आर डी गादरे ने अपने वक्तव्य भारत देश के नागरिको से सीधे जन जाग्रति करते हुए कहा कि आज हिन्दू मुस्लिम के षड्यंत्र की राजनीति करने वालो ने देश की आर्थिक स्थिति रीड की हड्डी तोडने का काम कर रहे हैं। देश को लूटने वाले देश और संविधान के दुश्मनो से जंग लडो बेईमानो से व्रण आने वली नस्ले गुलाम पैदा होंगी।
कोई बताये की जाट समाज ने आरक्षण माँगा था हरियाणे में तो उसके खिलाफ कोई मुसलमान खड़ा नहीं हुआ था।
जब राजस्थान के गुर्जरों ने आरक्षण को लेकर आंदोलन किया तो कहाँ मुसलमान विरोध में उतरे थे?
जब 2 अप्रैल को एससी/एसटी के लोग एट्रोसिटी एक्ट को लेकर भारत बंद कर रहे थे तब मुस्लमानों ने कौनसे चौक-चौराहों पर आकर विरोध किया था?
जब किसान 13 महीने तक दिल्ली के बॉर्डर पर सड़कों पर लड़ रहा तब मुसलमान पत्थर फेंकने नहीं आये थे बल्कि आसपास की मस्जिदें आशियाने के लिए खोल दी थी,वेज बिरयानी,शर्बत के साथ सहयोग कर रहे थे।
जब आदिवासी लोग जल-जंगल-जमीन बचाने की स्थानीय लड़ाई से आजिज आकर जंतर-मंतर पर आए तो उनके खिलाफ कौनसा मुसलमान विरोध कर रहा था?
ये एससी/एसटी/ओबीसी/किसानों के बच्चों के दिमाग मे इतना जहर किसने भर दिया कि इनके युवा बूढ़े माँ-बाप की सेवा करने के बजाय मुसलमानों को बर्बाद करके फर्जी धर्म को खतरे से बाहर निकालने में व्यस्त है?
जब जाटों ने हरियाणे में आरक्षण आंदोलन की लड़ाई लड़ी,गुज्जरों ने राजस्थान में लड़ी,पटेलों ने गुजरात मे लड़ी,लिंगायतों ने कर्नाटक में लड़ी,कापुओं ने आंध्रा में लड़ी,किसानों ने दिल्ली के खिलाफ लड़ी तब आपको गालियां कौन दे रहा था?आपको सबक दिखाने को कौन आतुर हो रहा था?
इन हिंदुत्ववादी लंपटों का निशाना सिर्फ मुस्लिम नहीं है,मुस्लिमों पर ध्यान केंद्रित करके ओबीसी/एससी/एसटी व किसानों के बच्चों का उपयोग करके देश लूटना है!
ये किसानों के बच्चे,ओबीसी/एससी/एसटी के बच्चे इनके फर्जी धर्म के धर्मवाहक कैसे बन गए इस पर गौर करिये।इन बच्चों से पूछिए तेरा बाप खेती करके अपना हक हासिल नहीं कर पा रहा!तेरा बाप मजदूरी करके आधी दिहाड़ी लेकर आ रहा है!
तुम अपने दादा-दादी का इलाज करवाने के काबिल नहीं हो इसलिए अस्पतालों से LAMA लेकर निकल रहे हो!
तुम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में नाक़ाबिल हो इसलिए भजन संध्याओं-कथाओं में जाकर मनोरंजन कर रहे हो!
याद रखो आज मुस्लिम निशाने पर है।वो अपने बच्चों को मजबूरी में ही सही लेकिन रास्ते पर धकेल देगा।संघर्ष के बीच से रास्ता ढूंढ लेगा लेकिन तुम सोचो इतनी बड़ी युवा तादात को कहां सेटल करोगे जिनको दिमागी तौर पर पैदल कर दिया गया है?
नफरत कभी किसी का घर नहीं बसाती है, बल्कि बर्बादी और तबाही के रास्ते लाकर छोड़ देती है। जिसका जीता जगत आइना आज श्री लंका देश है। जागो मूलनिवासी!