मेरठ:- बिलकिस बानो गुजरात प्रकरण बलात्कारियों को रिहा करना न्याय व्यवस्था धूमिल लोकतंत्र खतरे में।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आर डी गादरे ने बिल्किस बानो काण्ड की निन्दा करते हुए कहा कि आज हमारे भारत देश की न्याय व्यवस्था पर भी गम्भीर स्थिति सोचनीय विषय बनता जा रहा है इस खामियाजा सरकार को भुगतना होगा।
जबसे बी जे पी सरकार का वर्चस्व कायम हुआ न्यायपालिका की इज्जत भी खतरे मे महहसूस हो रही है। मनिषा काण्ड़ हो या अध्यापिका को जलकर मारने या अन्य आये दिन भारत की जनता को गुमराह कर रहे हैं। जब न्याय व्यवस्था ही बलात्कारियों को रिहा करने लगी तो फिर न्याय की उम्मीद किससे की जाए? आज महिलाओ पर अत्याचार बढता जा रहा है। ब्लात्कार ही नही सामूहिक बलात्कार हत्यायें लूट भ्रष्टाचारी चरमसीमा पर हैं। अत्याचार तो अत्याचार होता है चाहे वो मुस्लिम पर हो सिख, जैन, बौद्ध, इसाई, लिन्गयत, पिछड़े अतिपिछडे अल्पसंख्यक सवर्ण कोई भी समाज के व्यक्ति हों?
सोचनीय विषय पांच माह गर्भवती मुस्लिम महिला के साथ गैंगरेप रेप तथा उसके परिवार के लोगों की हत्या करने वालों को मालाएं पहनाकर मिठाईयाँ खिलाई जा रही है!
इसी तरह बलात्कारियों को आजाद किया जाता रहा तो हमारी बहन बेटियां खुद को कैसे महफुज रख पाएगी? आखिर बेटी बचाओ बेटी पढाओ तथा महिलाओं का सम्मान करने की बात करने वाले कौनसा फासीवादी एजेंडा चला रहे है? आज हमें इस तरह हो रही ना इंसाफी के खिलाफ बोलना होगा। यदि हिन्दू मुस्लिम की राजनीति चमकाने के लिए समाज को दूषित कर रहे हैं उनसे सावधान रहें? मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध आदि सब मूल निवासी जागो चलो अपने हक की लड़ाई लड़ कर अपना हक लेना होगा। सब अन्याय की जड़ ए वी एम है? ई वी एम हटाओ गणतंत्र भारत बचाओ। जो मिडिया या राजनेता पकिस्तान चिल्लाते नही थकते हिन्दु मुस्लिम करते नही थकते उनसे एक सवाल क्या पाकिस्तान मे प्रधानमंत्री पर केस नही होता? ग्रह मन्त्री, राज्यमंत्री आदि सबके साथ न्याय व्यवस्था है समाचार आते है लेकिन हमारे देश की न्याय व्यवस्था पर सवालिया निसान हिन्दू स्वर्ण एस सी एस टी ओ बी सी मुस्लिमो पर अत्याचार क्यो निस्पक्छ न्याय क्यो नही? आओ समता समानता स्वतंत्रता बंधुता और न्याय पर आधारित राष्ट्र और समाज का निर्माण करने मे बहुजन मुक्ति पार्टी के साथ आइये देश और संविधान बचाईये।
तमाम सामाजिक संगठन, मुस्लिम तंजीमों, औलेमाओं, महिला संगठनों को गुजरात सरकार के इस महिला विरोधी ऐजेंडे तथा बलात्कारियों की रिहाई को रद्द करने के लिए संवैधानिक तौर पर आवाज बुलंद करनी चाहिए। देश मे दोबारा मनुस्म्रती गुलामी न होने दे। उंच नीच की विचार धारा से अलग होकर भारत देश की न्याय व्यवस्था सुचारू रूप से करने के लिए लोकतंत्र बचाए