शाह शराफत अली शाह मियां के 55 वें उर्स ए शराफ़ती का पोस्टर जारी 28 सितंबर 2022 को परचम कुशाई से होगा उर्स का आग़ाज़|
शाह शराफत अली शाह मियां के 55 वें उर्स ए शराफ़ती का पोस्टर जारी 28 सितंबर 2022 को परचम कुशाई से होगा उर्स का आग़ाज़|
बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,
आठ अक्टूबर बरोज हफ्ता सुबह 11:00 बजे पीर ओ मुर्शिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुजूर कुल शरीफ की रस्म अदा करेंगे|
बरेली,आज दिनांक 25 सितंबर 2022 दिन इतवार दोपहर 3:00 बजे दरगाह शाह शराफ़त अली मियां के मेहमान खाने में "55 वें उर्स ए शराफ़ती" के संबंध में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई।
प्रेस कांफ्रेंस हज़रत मुंतखब मियां साहब की अध्यक्षता में हुई। उर्स की जानकारी देते हुए मुनतख़ब मियां ने बताया कि इस साल 55 वां उर्स ए शराफ़ती मनाया जायेगा, जिसका आग़ाज़ 28 सितंबर को परचम कुशाई से होगा, इस साल बहुत बड़ी तादाद में देश-विदेश के ज़ायरीन उर्स में शिरकत करने आ रहे हैं, उन्होंने कहा 55 वां उर्स ए शराफ़ती एक तारीखी उर्स होगा, क्योंकि पिछले दो सालों से कोविड व लॉकडाउन की वजह से उर्स सरकारी गाइड लाइन के तहत सादगी से मनाया गया था, इसलिए इस साल उर्स में ज़ायरीन का एक सैलाब उमड़ने की उम्मीद है।
मीडिया प्रभारी हमज़ा सकलैनी ने बताया 28 सितंबर बरोज़ बुध को उर्स की परचम कुशाई होगी जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं और उर्स दिनांक 5, 6, 7 व 8 अक्तूबर को मनाया जायेगा।
दिनांक 8 अक्तूबर बरोज़ हफ़्ता सुबह 11:00 बजे पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियां हुज़ूर कुल शरीफ़ की रस्म अदा करेंगे ।
28 सितंबर को जुलूसे परचम कुशाई में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शिरकत करेंगे जिसके लिए उर्स इंतिज़ामियां कमेटी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, जुलूसे परचम कुशाई अपने मुकर्रर रास्तों बिरहमपुरा, दीवानखाना चौक, कोहाड़ा पीर, नैनीताल रोड, कुतुबखाना व गली मनिहारान होता हुआ दरगाह शरीफ़ पर आएगा, और उर्स का झंडा नस्ब कर दिया जाएगा।
हज़रत शाह सक़लैन एकेडमी के सचिव हाजी लतीफ़ कुरैशी ने जानकारी दी कि परचम कुशाई के बाद अगले दिन दिनांक 29 सितंबर से 4 अक्तूबर तक शहर के अलग-अलग मोहल्लों में एकेडमी की जानिब से हर साल की तरह परंपरागत "जश्ने शाह शराफ़त अली मियां रह." मनाए जायेंगे, और दिनांक 5 अक्तूबर से उर्स ए शराफ़ती का आग़ाज़ हो जायेगा।सहायक मीडिया प्रभारी सय्यद मोहसिन आलम ने बताया कि उर्स से संबंधित पुलिस- प्रशासन के आला अधिकारियों से मीटिंग कर उनको उर्स कार्यक्रमों से अवगत कराया गया है और उर्स में बेहतर पुलिस व्यवस्था, उचित सुरक्षा बल व उर्स को सकुशल संपन्न कराने के लिए दरगाह इंतिज़ामियां की ओर से मांग की गई है जिससे देश -विदेश से आने वाले लाखों ज़ायरीन को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वो बरेली से एक अच्छा पैग़ाम लेके जाएं।
इसके अलावा उर्स में बेहतर साफ़ सफाई, टूटी व जर्जर सड़को को दुरुस्त करने हेतु नगर आयुक्त से मांग की गई है।
दिनाँक 5 अक्तूबर बरोज़ बुध को उर्स के पहले दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद कुरआन ख्वानी व दिन भर चादर शरीफ़ के जुलूस की आमद होगी, रात को बाद नमाज़ ईशा दरगाह के मेहमान खाने में ऑल इंडिया नातिया मनक़बतिया मुशायरा होगा जिसका मिसरा "करम किया मुझे अपना बना लिया तूने" इस पर सभी शायर अपना-अपना कलाम पेश करेंगे।
दिनाँक 6 अक्तूबर बरोज़ जुमेरात उर्स के दूसरे दिन सुबह में कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी, दिन भर चादरों के जुलूस की आमद रात को बाद नमाज़ ईशा दीवानखाना चौक पर तकरीरी प्रोग्राम होगा।
दिनाँक 7 अक्तूबर बरोज़ जुमा उर्स के तीसरे दिन सुबह में कुरआन ख्वानी व फ़ातिहा ख्वानी और सुबह 5:00 बजे मुंबई व गुजरात से बड़ी संख्या में ज़ायरीन का कारवां ट्रेन के द्वारा आएगा, दोपहर में 1:00 बजे नमाज़े जुमा अदा होगी और रात को बाद नमाज़ ईशा दीवान खाना चौक पर तकरीरी प्रोग्राम होगा जिसमें उलमाए किराम खुसूसी तकरीर करेंगे।
दिनाँक 8 अक्तूबर बरोज़ हफ़्ता उर्स के चौथे और आखिरी दिन सुबह में कुरआन ख्वानी और 8:00 बजे नात ख्वानी व खुसूसी तकरीर होगी और ठीक 11:00 बजे कुल शरीफ़ होगा और इसी के साथ 55 वां उर्स ए शराफ़ती संपन्न हो जायेगा।
दिनाँक 9 अक्तूबर बरोज़ इतवार ईद मीलाद उन्नबी सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के दिन हमेशा की तरह पीरो मुरशिद शाह सक़लैन मियां हुज़ूर हज़रत किब्ला शाह बशीर मियां रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह (गुलाब नगर शरीफ़) चादर पोशी के लिए तशरीफ ले जायेंगे, इस मौके पर वहां ज़ायरीन को सिलसिले के बुजुर्गों के तबर्रुकात की ज़्यारत कराई जायेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंतिखाब सकलैनी, गुलाम मुर्तज़ा, हाफ़िज़ गुलाम गौस, हाफ़िज़ जाने आलम, मुख्तार अहमद, हाजी लतीफ़ सकलैनी, हाजी इंतज़ार हुसैन, सय्यद मोहसिन आलम, आफ़ताब सकलैनी, अबरार हुसैन, मन्ना सकलैनी, मुनीर सकलैनी, इमरान सकलैनी, निज़ाम सकलैनी, यावर सकलैनी, तनवीर सकलैनी, ज़िया सकलैनी आदि मौजूद रहे।