नगर निगम के अधिकारियों एवं निगम के विद्वान वकील ने विपक्षियों को माननीय उच्च न्यायालय से स्टे लेने में अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया| दीपक सक्सेना|
मुकदमे में 7 मार्च 2022 को नगर निगम का कोई भी पक्षधार माननीय न्यायालय नहीं पहुंचा और विपक्षी दुकानदारों को स्टे प्राप्त हो गया|
रिपोर्ट मुस्तकीम मंसूरी
बरेली, नगर निगम बोर्ड की बैठक में आज दिनांक 28 अगस्त 2021 की बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि पर चर्चा करते हुए पार्षद दीपक सक्सेना ने पृष्ठ संख्या 4 बिंदु संख्या 10 नॉवल्टी मार्केट की दुकानों के किराया एवं प्रीमियम हेतु विचार एवं निर्णय पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों एवं नगर निगम के विद्वान वकील ने विपक्षियों को माननीय उच्च न्यायालय से स्टे लेने में अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया उन्होंने बताया कि जब नगर निगम की टीम द्वारा दुकानों पर लगाई गई सील को विपक्षीगण ने तोड़ा था तो उसी समय उस पर कार्यवाही नहीं की गई और ना ही माननीय न्यायालय में उस पर कैविएट दाखिल की गई इसके अतिरिक्त जब विपक्षी दुकानदार माननीय उच्च न्यायालय की शरण में गया और वहां से नोटिस नगर निगम को आया उसके बावजूद भी पहली डेट पर दिनांक 7 मार्च 2022 को नगर निगम का कोई भी पक्षधर माननीय न्यायालय नहीं पहुंचा और विपक्षी दुकानदारों को स्टे प्राप्त हो गया।
इसके बाद माननीय उच्च न्यायालय ने नगर निगम को अपना पक्ष रखने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है और 28 सितंबर 2022 को नेक्स्ट डेट लगाई है। हैरानी की बात यह थी कि माननीय पार्षद दीपक सक्सेना द्वारा यह बात सदन के समक्ष रखी गई किसी भी अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारी को उस केस की डेट के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी पार्षद दीपक सक्सेना ने यह भी बताया कि वर्तमान में यह केस प्राथमिकता सूची से बाहर हो गया है यदि उस पर तत्काल अच्छी पैरवी नहीं की गई तो नगर निगम को स्टे निरस्त कर आना मुश्किल होगा इस पर माननीय महापौर जी ने आदेश दिया की अपर नगर आयुक्त इस विषय को गंभीरता से देखें और तत्काल माननीय उच्च न्यायालय के नगर निगम के वकीलों से बात करें और अपना पक्ष मजबूती से रखने को कहें