Skip to main content

बरेली का अगला मेयर कौन? डॉक्टर अनीस बेग या डॉक्टर मोहम्मद फा़ज़िल आरक्षण के बाद होगा फैसला|

 बरेली का अगला मेयर कौन? डॉक्टर अनीस बेग या डॉक्टर मोहम्मद फा़ज़िल आरक्षण के बाद होगा फैसला|

बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,

बरेली मेयर की सीट सामान्य होती है या ओबीसी तो इस बार सपा के पास मजबूत प्रत्याशी मौजूद है यह मानना है राजनीतिक जानकारों का|

बरेली,उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे स्थानीय निकाय चुनाव का वक़्त करीब आ रहा है| चुनावी समीकरण बदलते जा रहे हैं इसी क्रम में बरेली नगर निगम का अगला मेयर कौन, इस संबंध में हमारी समाधान 24 की टीम ने नगर निगम क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में मेयर के प्रत्याशियों को लेकर लोगों से बातचीत करने पर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार सुनने को मिले लोगों का मानना है उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव दो पार्टियों के बीच भाजपा और सपा का ही होना है, लोगों का यह भी मानना है वर्तमान समय में मेयर सामान्य जाति से है,और इस बार सीट का आरक्षण चुनाव की दिशा तय करेगा, इस संबंध में राजनीतिक जानकारों का कहना है


 अगर मेयर की सीट एससी होती है, तो उसका फायदा सपा के मुकाबले भाजपा को अधिक होगा, अगर सीट पिछड़ी या सामान्य होती है, तो सपा की संभावनाएं अधिक बढ़ जाएंगी, ऐसी सूरत में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को बरेली की सीट पर गहन अध्ययन और गंभीरता के साथ  प्रत्याशी का चयन करना होगा, अब यहां सवाल यह उठता है कि विधानसभा चुनाव में शहर और कैन्ट के प्रत्याशियों को नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बूथों पर मिलने वाले वोटों को देखा जाए तो इस बार मेयर के चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी की दावेदारी मजबूत दावेदारी मानी जाएगी, इस ऐतवार से देखा जाए तो सपा के पास  मौजूदा वक्त में मजबूत दावेदार मौजूद है, राजनीति के जानकारों का यह भी मानना है, कि 20 साल पहले बरेली नगर निगम में मुस्लिम मेयर बन सकता था, परंतु उस समय डॉक्टरों की संस्था आई एम ए का समर्थन और उस समय मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग एवं  धर्म गुरुओं का समर्थन सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ निर्दल प्रत्याशी को किया गया था, उसके बाद भी मुस्लिम प्रत्याशी का दूसरे नंबर पर रहना इस बात का संकेत था उस समय प्रत्याशी चयन सही किया गया होता तो बरेली में मुस्लिम मेयर बन गया होता, एक बार फिर वही परिस्थितियां 2022 के चुनाव में सामने है अगर ऐसी सूरत में मेयर की सीट, सामान्य होती है या ओबीसी तो इस बार समाजवादी पार्टी के पास मजबूत प्रत्याशी मौजूद है यह मानना है राजनीतिक जानकारों का, वही कुछ राजनीतिक सामाजिक और धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों का सीधा सवाल है बरेली के दो प्रसिद्ध डॉक्टर, डॉक्टर अनीस बेग, और डॉक्टर मोहम्मद फाजिल जो लंबे समय से राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय है, और दोनों की छवि साफ-सुथरी है समाज के सभी वर्गों में सम्मान के साथ देखा जाता है सभी वर्गों का समर्थन दोनों को प्राप्त है डॉक्टर अनीस बेग जहां सामान्य जाति से आते हैं वही डॉक्टर मोहम्मद फाजिल पिछड़ी जाति से आते हैं अगर सपा सुप्रीमो इन पर दांव खेलते हैं तो यकीनन नगर निगम में सपा का कब्जा हो सकता है, कुछ राजनीतिक लोगों का मानना है डॉक्टर अनीस बेग चुनाव लड़ चुके हैं और बरेली शहर और कैंट में मजबूत पकड़ रखते हैं वही डॉक्टर मोहम्मद फाजिल जिस पिछड़े समाज से आते  उस समाज का एक बड़ा वोट शहर और कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है इसलिए सपा के पास मजबूत चेहरे मौजूद हैं अब परिस्थितियां तय करेंगे के सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव प्रत्याशी चयन के मामले में कितनी सूज भुज और समझदारी के साथ किस पर मेहरबान होते हैं यह आने वाला समय बताएगा सही प्रत्याशी का चयन ही सपा को जीत दिलाएगा

Popular posts from this blog

भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा-गादरे

मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये  महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...

समाजवादी पार्टी द्वारा एक बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन

 महेश्वरी देवी की रिपोर्ट  खबर बहेड़ी से  है, आज दिनांक 31 मार्च 2024 को समाजवादी पार्टी द्वारा एक बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन मधुर मिलन बारात घर बहेड़ी में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि लोकसभा पीलीभीत प्रत्याशी  भगवत सरन गंगवार   रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव स्टार प्रचारक विधायक (पूर्व मंत्री )  अताउर रहमान  ने की , कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  अता उर रहमान  ने कहा की प्रदेश में महंगाई बेरोजगारी चरम पर है और किसान बेतहाशा परेशान है उनके गन्ने का भुगतान समय पर न होने के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने मुस्लिम भाइयों को संबोधित करते हुए कहा की सभी लोग एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हटाकर एक सुशासन वाली सरकार (इंडिया गठबंधन की सरकार) बनाने का काम करें और भगवत सरन गंगवार को बहेड़ी विधानसभा से भारी मतों से जिताकर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करें | रहमान जी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को वोट ड...

भगवत सरन ने किया तूफानी दौरा

 Report By :Anita Devi  बहेड़ी/ शनिवार को पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन  के प्रत्यासी भगवत सरन गंगवार के समर्थन में सपा के प्रदेश महासचिव  स्टार प्रचारक  विधायक (पूर्व मंत्री) अताउर रहमान जी ने लाभ लस्कर के साथ तूफानी दौरा किया मिली जानकारी के अनुसार बहेड़ी के गांव मानपुर, बंजरिया, नारायन नगला, बंजरिया में लगातार तीन सभाएं की इन सभाओं में आसपास के लगभग दो दर्जन गांवों के लोगों ने भाग लिया और भगवत सरन गंगवार का फूलों की मालाएं पहनाकर स्वागत किया इस अवसर पर लोगों का यही कहना था कि सपा सरकार में मजदूर किसान और जवान बहुत खुश था वह ऐसे गांव मे छुट्टा जानवर फसल नहीं खाते थे मजदूर को महंगाई न बढ़ने से भरपूर काम मिलता था और सरहद पर देश की रक्षा करने वाले जवान को नौकरी के साथ सुख सुविधा दी जाती थी आज एनडीए सरकार ने सैनिकों की भर्ती में अग्नि वीर योजना चला कर उनके साथ धोखा किया है सरकार कहती है हमने निशुल्क गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए हैं परंतु दुख की बात यह है कि जिन्हें गैस सिलेंडर मिले हैं उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं जो उन्हें भर सके गरीबों की रसोई ...