देशवासियों को शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाएं रोजगार आदि मूलभूत जीवन के लिए आवश्यक संवैधानिक सुविधाओं से आम जनता से निजी करण के नाम पर शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाएं रोजगार आदि संविधानिक सुरक्षा को छीन लो, हड़प करके उन्हे आम जनता की पहुंच से दूर कर दो ? आम जनता को गरीब कमजोर अशिक्षित बेरोजगार चिकित्सा सुविधाओं के बिना शारीरिक मानसिक रूप से बीमार कमजोर बना दो?
फिर
जनता में एक झूठ बार बार बोलो?
लगातार बोलो?
लोगो का बौद्धिक स्तर जन्म जाति धर्म आधारित वर्गीय विभाजन कर
देश में दंगा और सांप्रदायिक पंगा पर आधारित मानसिक नफरत की राजनेतिक सोच में उलझा कर उनमें शारीरिक मानसिक गुलामी और मानसिक नफरत दहशत से आतंकित कर दो
फिर तो
सत्ता के तांडव में
खाता ना बही,
किसी ने भी यदि
सत्य न्याय प्रमाणित जानकारी ना कही,
उसके लिए जेल ही सही,
जो सत्ता जीवी कह दे वही सही?