सपा पार्षदों ने नगर निगम अधिकारियों पर केवल बजट पास कराने और जनहित के विकास कार्य न कराने का आरोप लगाकर पुनरीक्षण बजट बैठक का किया बहिष्कार|
सपा पार्षदों ने नगर निगम अधिकारियों पर केवल बजट पास कराने और जनहित के विकास कार्य न कराने का आरोप लगाकर पुनरीक्षण बजट बैठक का किया बहिष्कार|
बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,
नगर निगम कार्यकारिणी बैठक का बहिष्कार कर सपा पार्षदों ने दिया जनहित के मुद्दों पर धरना,
मुख्यमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट गड्ढा मुक्त अभियान का नगर निगम द्वारा हवा निकालने का लगाया आरोप,
बरेली दिनांक 3 दिसंबर 2022 नगर निगम बरेली में आयोजित कार्यकारिणी बैठक में पुनरीक्षित बजट पास किया जाना था बैठक शुरू होते ही सपा के कार्यकारिणी सदस्य पार्षद गौरव सक्सेना, शमीम अहमद और अकील गुड्डू ने बैठक का बहिष्कार कर महापौर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की महापौर कार्यालय में जब तक पुनरीक्षित बजट की बैठक चलती रही तब तक सपा पार्षद हाथों में नगर निगम प्रशासन के विरोध में तख्तियां लेकर महापौर कार्यालय के बाहर उसके गेट पर नारेबाजी करते हुए धरना देते रहे सपा के कार्यकारिणी सदस्यों के साथ सपा के अन्य पार्षद सलीम पटवारी, रईस मियां अब्बासी, आरिफ कुरैशी, नरेश पटेल, इकबाल अंसारी, मोहम्मद यूसुफ, कय्या, सलीम भी धरने पर बैठ गए जबकि अंदर बैठक में महापौर सहित भाजपा पार्षदों ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बजट पास कर लिया जिसके बाद महापौर एवं नगर आयुक्त व नगर निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी धरना दे रहे पार्षदों की समस्या सुने बिना ही वहां से चले गए
जिसपर सपा पार्षद गौरव सक्सेना ने आरोप लगाया नगर निगम के अधिकारी मनमानी पर उतारू है केवल कागजों में बजट पास कराना चाहते हैं जबकि धरातल पर कोई विकास कार्य नहीं किया जा रहा है पिछले लगभग 2 वर्ष से नगर निगम फंड की कमी के कारण वार्डो के अंदर पुलिया तक बनाने की स्थिति में नहीं है लगभग 200 निर्माण कार्यों की फाइलें लटकी पड़ी है या तो उनके टेंडर नहीं हो रहे अथवा ठेकेदार कार्य नहीं कर रहे अगर कहीं कार्य शुरू कर दिए गए हैं वहां लगभग 6 माह से सड़कें उखड़ी पड़ी है कार्य पूरा नहीं किया है जनता पार्षदों से सवाल करती है इसलिए जनता के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन ही विकल्प है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसकी अंतिम समय सीमा 15 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर शासन द्वारा निर्धारित की गई थी लेकिन नगर निगम के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी के गड्ढा मुक्ति अभियान की भी हवा निकाल दी गई आज समय सीमा निकलने के बाद भी नगर निगम क्षेत्र में गड्ढा मुक्त अभियान नहीं चलाया गया किसके नाम पर केवल फाइलें बनाकर टेंडर निकाल दिए गए जोकि समय निकलने के बाद भी टेंडर खुल नहीं सके हैं इसका जिम्मेदार कौन है? 7 नवंबर को माननीय मुख्यमंत्री जी बरेली में स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने आ रहे हैं जबकि स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है अच्छी खासी सड़क पर सड़क डालकर भ्रष्टाचार हो रहा है जबकि स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त अन्य वार्डों में सड़के उखड़ी पड़ी हैं लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं मुख्यमंत्री जी किसी भी एक वार्ड का उस दिन औचक निरीक्षण कर ले चाहे वह सपा पार्षद का हो या भाजपा पार्षद का सच्चाई सामने आ जाएगी सभी जगह विकास दम तोड़ रहा है सड़कों में गड्ढे नहीं गड्ढों में सड़के हो गए हैं और नगर निगम अधिकारी गहरी नींद में सोए हुए हैं पिछली बैठक में भाजपा के पार्षदों ने भी अपनी सरकार में अधिकारियों के खिलाफ 5 तारीख से धरने की घोषणा की लेकिन आज उन्हीं अधिकारियों के कहने पर भाजपा पार्षदों ने कागजों में बजट पास कर दिया जबकि उन्हें अपनी बात पर कायम रहते हुए जब कोई विकास कार्य नगर निगम द्वारा नहीं कराया जा रहा तो धरने पर बैठना चाहिए एवं विपक्ष के समान धरना प्रदर्शन करना चाहिए।
सपा पार्षद कार्यकारिणी सदस्य शमीम अहमद और अकील गुड्ड ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में नगर निगम के अधिकारी निगम में फंड की कमी बताकर पिछले काफी समय से रुके हुए कार्यों को कराने के लिए आश्वासन देते रहे लेकिन कोई भी कार्य नहीं कराया गया चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है फंड की कमी के कारण जमीनी स्तर पर जनता के विकास कार्य जमीनी स्तर पर ना होने के लिए भाजपा के जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं जिनसे जनता चुनाव में सवाल पूछेगी।
महापौर कार्यालय में जब तक कार्यकारिणी की बैठक चलती रही तब तक सपा पार्षद धरना देते रहे अंत में बैठक समाप्त होने के बाद आगे भी विरोध प्रदर्शन की बात कहकर उन्होंने धरना समाप्त किया।