मेेरठ:-सपा की देन कि भाजपा प्रचंड बहुमत की सरकार बनी आज देश की जनता भूखी है और षडयंत्रकारी देश की अखण्डता सदभावना खतरे में है।
बहुुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजुद्दीन गादरे ने आह्वान किया कि भारतीय मूल निवासियों को षडयंत्रकारियों के मंसूबों को समझे और देश को बर्बाद न होने दें। सिर्फ रामचरित मानस की कुछ चौपाईयों को पढ़ कर कुछ शूद्र विरोध कर 2024 ईस्वी के लोकसभा चुनाव के वोटों का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। बहुुजन नेता गादरे ने अपने वक्तव्य मे प्रेस के जरिये से कहा कि आज कुछ षडयंत्रकारी धर्म वाद की राजनीति कर भारतीयों को गुमराह कर रहे हैं कहते हैं हिन्दू-हिन्दू इधर आओ-दलित-पिछड़े उधर जाओ। यह सब सत्ता का खेला है। विरोध करना है तो सिर्फ चौपाईयों का क्यों? ब्राह्मण मुख से क्षत्रिय भुजा से वैश्य पेट से शूद्र की पैरों से जो पैदाइश बतायी गयी है उन ग्रन्थों का विरोध क्यों नहीं होता ? दलित-अछूत-कर्मकार-नारी-चिकित्सक-वैद्य तक को निकृष्ट लिखा है धर्म ग्रंथों में।
सच कहा जाये तो आर एस एस-आर्यसमाज जैसे संगठन गैर धर्मी व्यक्तियों का हिन्दू धर्म में लाने के लिए जो शुद्धिकरण घरवापसी का अभियान चला रहे हैं। मेरा मशवरा से इन्हें सबसे पहले धर्मग्रंथों की शुद्धिकरण कर लेनी चाहिए।
अन्यथा आज रामचरित मानस जो हिन्दी में लिखी है शूद्र-अछूत उसे पढ़कर भड़क रहे हैं।
यदि यह लोग संस्कृत में लिखे वेद-स्मृतियां-उपनिषद्-ब्राह्मण ग्रंथ-रामायण आदि पढ़ लिए तो कहीं हिन्दू धर्म से पलायन कर न कर पायें।
दलित-पिछड़ों को धर्म ग्रंथ पढ़ने के लिए या तो धर्म धुरंधर तुरन्त रोकें, अन्यथा यदि यह लोग धर्म ग्रंथ पढ़ लिए तो अवश्य हिन्दुत्व खतरे में आ जायेगा। आज जो टीवी चैनलों में रामचरित मानस के समर्थक और विरोधियों की जो बहस चल रही है, वह सिर्फ आने वाले लोकसभा चुनाव का प्रचार हो रहा है।
जब अयोध्या में कारसेवक बाबरी मस्जिद गये थे तो मुलायम सिंह यादव जी ने गोली चलवा कर कुछ कारसेवकों को मरवाया था।
इस घटना के बाद मुसलमान आज तक सपा का समर्थक बना हुआ है। दलित बसपा में परन्तु गोली चलवाकर मुलायम सिंह जी ने हिन्दुओं को संगठित कर दिया था, और उन्हीं की देन थी की भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बन गयी। बी एम पी के नेता मेरठ दक्षिण विधान सभा पूर्व प्रत्याशी गादरे ने कहा कि इतिहास गवाह है कि केन्द्र मे कांग्रेस पी वी नरसिंह राव की सरकार थी कल्याण सिंह की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी और बाबरी मस्जिद गिराकर भाजपा और मजबूत हो गयी। रामचरित मानस की चौपाईयों से दलित-पिछड़े-महिलाएं मुगलकाल से आहत हो रहे हैं। अंग्रेजी हुकूमत चली गयी, कांग्रेस ने भी काफी समय तक राज कर लिया। गांधी जी की रामधुन दलित-पिछड़े-नर-नारी सबके सब गाते रहे, अब जय-जय श्री राम का जयकारा लगा रहे हैं। बहुजन मुक्ति पार्टी के लोग जो जय भीम-जय भारत जय संविधान कहने लगे हैं, उनको ही लामबंद करने के लिए षडयंत्रकारी लोग ढोल-गंवार-शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना का अधिकारी बताया जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य जी भाजपा में होकर सपा में आये हैं। हजारों साल से दलित-पिछड़ों को गुलाम बनाने का विधान धर्म ग्रन्थों में जो लिखा था, वह भाजपा में रहकर नहीं बता सके, अब सपा में आकर बता रहे हैं। यदि मूल निवासी बहुजन समाज को आने वाली नस्लों को गुलाम भारत होने से बचाना है तो एक नोट एक वोट मुझे दें मैं तुम्हें आजादी दूंगा। आओ भारत देश को बहुजनो को दोबारा गुलाम होने से जातिवाद से पाखंडवाद से मुक्ति दिलाएं।