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बेज़ुबां को जब वो ज़ुबां देता है, पढ़ने को फ़िर वो क़ुरआन देता है। बख़्शने पर आए जब उम्मत के गुनाहों को, तोहफ़े में गुनाहगारों को रमज़ान देता है।ज़ैनब फ़ातिमा

 


बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट, 

बरेली,रमज़ान माह के आग़ाज़ होने पर इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज बरेली की छात्राओं ने तीस दिन के रोज़ों की फ़ज़ीलत को बताते हुए ख़ुशी ज़ाहिर की। छात्रा उरूज ने बताया कि रोज़ा रखना ख़ुदा की मुहब्बत और सहरी करना नबी की सुन्नत है। रिज़्विया ने बताया कि रोज़ा रखने के लिए ताक़त की नही बल्कि नियत की ज़रूरत होती है। साफ़िया ने कहा कि रोज़ा दोज़ख़ से बचने के लिए ढाल और क़िला है, रमज़ान में एक नेकी का सबाब सत्तर गुना हो जाता है, इस महीने में रोज़ेदारों पर ख़ुदा की रहमत बरसती है। ख़ुदा उन रोज़ेदारों से ख़ुश रहता है जो रोज़े के अरकानों को पूरी अक़ीदत और ख़ुलूस के साथ अदा करते हैं। इसके साथ ही मरयम अंसारी, मैमूना, ज़ैनब, रिज़ा, अलीशा, इलमा और हिबा खान ने भी रमज़ान मुबारक़ के बारे में बताया। ऊर्दू विभाग से ज़ैनब फ़ातिमा ने रमज़ान माह के ख़ास मौक़े पर कहा कि रमज़ान मुस्लिम समुदाय के लिए साल का सबसे अफ़ज़ल माह होता है। रोज़े और इबादत से अल्लाह ख़ुश होता है और बन्दों को बेशुमार नेमतों से नवाज़ता है। यह वो महीना है जिसका अव्वल हिस्सा रहमत, बीच का हिस्सा मग़फ़िरत और आख़िरी हिस्सा निजात यानी जहन्नम से आज़ादी का है। तीस दिन के रोज़े हर मोमिन पर फ़र्ज़ हैं जिसकी अदायगी तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग पांच वक़्ती नमाज़, क़ुरआनी तिलावत और इबादत से करते हैं। प्राचार्या श्रीमती चमन जहां ने भी रमज़ान की अज़मत को बताते हुए अपने ख़यालों का इज़हार किया।





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मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये  महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है ! हिं

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