सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष शांति सिंह ने भोजीपुरा व बहेड़ी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।
रिपोर्ट-रामेश्वरी देवी
सपा महिला सभा की अध्यक्ष शान्ति सिंह महिला आरक्षण बिल पर बोली नारी शक्ति को न्याय के लिए 2034 तक सरकार चौखट पर खड़ा रहना होगा।
बहेड़ी/बरेली, समाजवादी पार्टी महिला सभा की जिलाध्यक्ष शान्ति सिंह सपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं सपा महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष रीबू श्रीवास्तव के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के संबंध में विधानसभा वार संगठन की समीक्षा एवं विधानसभा वार महिला सभा की कार्यकर्ताओं की बैठक लेने हेतु आज भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र एवं नगर पंचायत देवरनिया व बहेड़ी विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं एवं विधानसभा अध्यक्षों के
साथ बैठकें कर सभी कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारी में जुटाना एवं सपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने, बूथ स्तर तक महिला सभा के संगठन को मजबूत करने एवं भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों से आमजन को अवगत कराने के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए श्रीमती शांति सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में कमर तोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार, नारी उत्पीड़न और अत्याचार चरम पर पहुंच चुका है पूरे प्रदेश में त्राह-त्राहि मची हुई है, पेट्रोल, डीजल, गैस एवं घरेलू सामानों की महंगाई ने महिलाओं की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सपा महिला सभा की जिला अध्यक्ष श्रीमती शांति सिंह ने बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के भ्रमण के दौरान बहेड़ी नगर विधानसभा अध्यक्ष नासिर रज़ा, अफसाना, रेशमा, रुखसाना, नसीम बानो, रेहाना आदि के साथ ग्राम सुकटिया आदि का भ्रमण कर सपा की नीतियों से अवगत कराते हुए कहा कि सपा की सरकार में प्रदेश का चौमुखी विकास हो रहा था, जो योगी सरकार में पूरी तरह रुक गया है इसलिए सत्ता परिवर्तन में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के बाद सपा महिला सभा की जिला अध्यक्ष शान्ति सिंह ने बहेड़ी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता संभालने के 9 वर्षों के बाद महिला आरक्षण बिल का फायदा 2024 लोकसभा चुनाव में उठाने के उद्देश्य से लाए हैं, जिसका समर्थन देश के समूचे विपक्ष ने भी किया था। परंतु नारी शक्ति को न्याय के लिए 2034 तक सरकार की चौखट पर खड़ा रहना होगा। श्रीमती शांन्ति सिंह ने कहा कि मोदी सरकार को अब नया संविधान संशोधन लाकर उस रोक को हटाना पड़ेगा, जो 2001 में वाजपेई सरकार ने 84 वां संविधान संशोधन के माध्यम से आर्टिकल 81 (3) में बदलाव कर दिया था। इस संशोधन के अनुसार जनगणना आधारित परिसीमन पर 2026 तक रोक लगा दी गई है। अर्थात 2031 से पहले कोई परिसीमन संभव नहीं होगा। नई जनगणना 2031 के परिणाम आने में 2 से 3 साल लग जाएंगे। यदि मोदी सरकार जनगणना को परिसीमन से संबद्ध रखती है, जैसा कि बिल में लिखा है। तो वर्तमान महिला आरक्षण विधेयक 2034 चुनाव से पूर्व लागू नहीं हो पाएगा। ऐसी स्थिति में नारी शक्ति को न्याय के लिए 2034 तक सरकार की चौखट पर खड़ा रहना होगा। श्रीमती शांन्ति सिंह ने कहा की महिलाओं को महिला आरक्षण बिल के नाम पर मोदी सरकार एक बार फिर गुमराह कर वोट हथियाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा मैं सभी जागरूक महिलाओं का आवाहन करती हूं कि वह भाजपा नेताओं से एक ही सवाल करें की भाजपा स्पष्ट करें की महिला आरक्षण बिल कब लागू होगा।